-आरटीओ में डीएल बनवाने पहुंच रहे लोगों को किया जा रहा परेशान

-ऑर्डर की आड़ में टू व्हीलर व फोर व्हीलर के लिए एक साथ नहीं बनाया जा रहा ड्राइविंग लाइसेंस

VARANASI

आरटीओ में डीएल बनवाने के लिए पहुंच रहे लोगों के साथ एक अलग ही तरह का खेल किया जा रहा है। ऑर्डर की आड़ में उन्हें टरकाया जा रहा है जिससे लोग परेशान हो रहे हैं। दरअसल प्रदेश भर में आए दिन हो रहे एक्सिडेंट को देखते हुए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने पिछले दिनों ऑर्डर दिया कि बिना टेस्ट लिए किसी को ड्राइविंग लाइसेंस जारी न किया जाए। बस यहीं से स्टार्ट हो गया धंधा। डीएल बनवाने पहुंच रहे लोगों को परेशान किया जाने लगा। कहा जा रहा है कि टू व्हीलर और फोर व्हीलर वालों को एक साथ डीएल नहीं दिया जा सकता। जबकि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के ऑर्डर में ऐसा कोई डायरेक्शन नहीं है।

लर्निग वाले काट रहे चक्कर

डिपार्टमेंट के मेन कैंपस सहित सिटी ऑफिस में इन दिनों लाइसेंस बनवाने वालों से ज्यादा ऑफिस का चक्कर काटने वालों की भीड़ लग रही है। बड़ी उम्मीद के साथ वो अपने काम से ऑफिस आते हैं लेकिन वापस लौट जा रहे हैं। वापस लौटने वालों में वे लोग हैं जिनका लर्निग तो बन गया है लेकिन उनका परमानेंट लाइसेंस बनाने में आनाकानी की जा रही है। महीनों पहले लाइन लगाकर टू व्हीलर व फोर व्हीलर का लर्निग बनवाने वालों से अब कहा जा रहा है कि एक साथ लाइसेंस नहीं मिलेगा। अलग-अलग लाइसेंस बनवाना हो तो बनवाइये या जाइये। यह सिलसिला इधर एक हफ्ते से चल रहा है। हालांकि इसको लेकर मेन ऑफिस में पब्लिक ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। जिसके बाद ऑफिसर्स ने एक महीने का मौका देने का आश्वासन दिया, तब जाकर लोग शांत हुए थे।

डीएल से रुक जाएगा एक्सिडेंट?

बढ़ रहे एक्सिडेंट्स के पीछे बगैर डीएल के वाहन चलाना ही मेन रीजन बताया जा रहा है। जबकि एक्सिडेंट होने के पीछे कई और भी वजहें होती हैं। एडवोकेट सतीश चतुर्वेदी का कहना है कि ड्राइविंग लाइसेंस लेकर चलने वाले रोड पर संभलकर चलते हैं। इनमें ट्रैफिक सेंस होता है। जबकि बिना लाइसेंस वाले एक्सिडेंट ज्यादा करते हैं। इनको रोकना बहुत जरूरी है। रही बात लाइसेंस देने की तो इससे किसी को रोका नहीं जा सकता है। एडवोकेट संजय सिंह के मुताबिक दो-दो लाइसेंस एक साथ बनाने पर रोक लगाने से पहले डिपार्टमेंट में टेस्ट लेने का मुकम्मल इंतजाम होना चाहिए।

एक्सिडेंट को कम करने और शौकिया डीएल बनवाने वालों पर लगाम लगाने के लिए यह व्यवस्था की गयी है। अलग अलग लाइसेंस बनाने जैसा कोई बाध्यता नहीं है।

एनके राय, डीटीसी

परिवहन विभाग