-हीलिंग से भी ठीक हो सकते है कोविड पेशेंट

-कोरोना काल में प्राण के साथ रेकी हीलिंग भी है फायदेमंद

-हीलिंग से मरीज का कॉंफिडेंस हो रहा है बुस्टअप

-मानसिक व शारीरिक बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ा रहा है हीलिंग

-शहर के कई हीलिंग परामर्शदाता कर रहे पीडि़तों का इलाज

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप से बचने के लिए लोग एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से खुद को स्वस्थ कर रहे हैं। इन सब के बीच एक और हीलिंग पद्धति से मरीज उपचार करा रहे हैं। हालांकि यह पद्धति लोगों के बीच ज्यादा प्रचलित नहीं है।

बनारस में हीलिंग पद्धति कुछ मरीज उपचार किया जा रहा है। इसके परिणाम भी बेहतर दिख रहे हैं।

हीलिंग से कोरोना मरीजों को ठीक कर रही हीलिंग एक्सपर्ट संप्रदा गंगवार बताती हैं कि इस पद्धति में श्वसन क्रिया प्राण ऊर्जा से मरीजों को ठीक किया जा रहा है। हीलिंग के माध्यम से सांसों की प्रक्रिया को ठीक किया जाता है। इसके माध्यम से प्राण ऊर्जा को पूरे शरीर में फैलाया जाता है, जिससे मरीज का कॉंफिडेंस बुस्टअप होता है। इस दौरान अगर मरीज में ऑक्सीजन की कमी होती है या कोई अन्य समस्या होती है तो उसकी जानकारी मरीज को नहीं दी जाती। उसे यही बताया जाता है कि वे पूरी तरह से ठीक हैं। ताकि मरीज में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता रहे।

- मरीज के अंदर जागृत होती है ऊर्जा

वह बताती हैं कि पिछले कोरोना की पहली लहर की शुरुआत से ही वह लोगों को इस बीमारी से दूर रखने के लिए प्राणायाम हीलिंग और रिलैक्सेशन के सेशन दे रही थी। लेकिन इसकी दूसरी लहर में जरूरी लगा कि इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को इलाज देना भी जरुरी है। इसलिए उन्होंने कोरोना से ग्रसित मरीजों को प्राणिक हीलिंग के साथ आयुर्वेद से सम्बंधित दवाएं भी देना शुरू किया। इसके बाद उनके मरीज तय समय से पहले ही स्वस्थ्य होने लगे। उनका कहना है कि प्राणिक हीलिंग का कार्य मरीज के खुद के अंदर ऊर्जा जागृत करना और मानसिक व शारीरिक बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाना है। इससे सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। इस समय कोरोना से पीडि़तों में इलाज के साथ अपनेपन और देखभाल की जरूरत है। वह ऐसे मरीजों जो होम क्वारेंटाइन है उन्हें आयुर्वेदिक दवाओं, हीलिंग और पॉजिटिव काउंसलिंग से ठीक कर रही हैं। वह इस प्रक्रिया से अभी तक 30 से ज्यादा मरीजों को स्वस्थ कर चुकी हैं। वह बताती हैं कि इस समय जरूरत है ज्यादा फैमिलियर होने की। इस बीमारी में मरीज को अपनेपन की जरूरत होती है। वर्तमान में इस बीमारी से जूझ रहे ज्यादातर लोगीं को अकेलापन पहले मार दे रहा है। ऐसे मरीजों के अकेलेपन को दूर करने के लिए ही वे घर-घर जाकर हीलिंग और काउंसलिंग से उन्हें कोरोना से हराने में मदद कर रही हैं।

रेकी हीलिंग भी मरीजों भी मददगार

प्राणिक हीलिंग के साथ ही रेकी हीलिंग भी ऐसे मरीजों को ठीक करने में अहम रोल अदा कर रहा है। रेकी हीलिंग एक चिकित्सा पद्धति है, जिसका प्रारम्भ जापान में उन्नीसवीं सदी में हुआ। हीलिंग परमार्शदाता पंडित बब्बन तिवारी ने बताया कि योग से मेल खाती रेकी हीलिंग पद्धति से अंतर्ज्†ान और मानसिक क्षमताओं में वृद्धि भी होती है। ऊर्जा का संचार होता है। कोरोना वायरस के बीच लोगों की दिनचर्या में बदलाव आया है और कहीं न कहीं एक नकारात्मकता भी मानव जाति में देखने को मिली है। जीवन पहले की तुलना में मुश्किल हुआ है, ऐसी स्थिति में रेकी हीलिंग एक कारगर उपाय साबित हो सकता है।

क्या है रेकी हीलिंग

रेकी हीलिंग को सार्वभौमिक ऊर्जा के अलावा परमात्मा की ऊर्जा भी कह सकते हैं। रेकी हीलिंग में चिकित्सा हाथों के प्रयोग से होती है और कुछ मामलों में चित्र या मन्त्र द्वारा भी ऐसा किया जाता है। असाध्य रोगों के अलावा अन्य सभी बीमारियों का निदान रेकी हीलिंग से हो सकता है। मानसिक तौर पर मजबूती भी मिलती है।

- रेकी हीलिंग के प्रकार

रेकी हीलिंग दो प्रकार की होती है। इसमें पहला भाग स्पर्श है और दूसरा दूरी है। पहले भाग में हाथ के स्पर्श से रेकी दी जाती है। इसमें चिकित्सक अपने हाथों से रोगी को रेकी देता है। दूसरे भाग में विश्व के किसी भी कोने में बैठकर रेकी हीलिंग दी जा सकती है। इस दौरान चिकित्सक को रोगी का नाम, फोटो आदि का विवरण देना होता है।

- रेकी हीलिंग के फायदे

रेकी हीलिंग शरीर के विषैले पदार्थो को बाहर निकालते हुए प्राकृतिक दोषों को भी दूर करता है। इस तकनीक से मानसिक तनाव को दूर करने में भी काफी मदद मिलती है। इसके अलावा शरीर में ऊर्जा और शक्ति का संचार करने के अलावा कीमोथेरेपी से होने वाले प्रभाव को भी कम करता है। रेकी से रिश्तों को मजबूत बनाने में भी मदद मिलती है। इसके अलावा पेड़-पौधों, पालतू जानवरों आदि को ठीक करने में भी रेकी हीलिंग सहायक है।

हीलिंग इम्युनिटी पावर को बढ़ने का काम करती है। सुबह के समय सूर्य की किरणों से जो रेजेस निकलती हैं, जिसे आकाशीय तत्व कहते हैं। वह जब शरीर में प्रवेश करता है तो भेदन क्रिया के माध्यम से शरीर के रक्त कोशिकाओं में ऊर्जा का संचार होता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा अंदर आती है और नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलती है। जिससे किसी भी प्रकार के रोग को दूर किया जा सकता है।

बब्बन तिवारी, हीलिंग परामर्शदाता

प्राणिक हीलिंग का कार्य मरीज के खुद के अंदर ऊर्जा जागृत करना और मानसिक व शारीरिक बीमारियों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाना है। इससे सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। इस समय कोरोना से पीडि़तों में इलाज के साथ अपनेपन और देखभाल की जरूरत है। वह जो लोग होम क्वारेंटाइन हैं उन्हें आयुर्वेदिक दवाओं, हीलिंग और पॉजिटिव काउंसलिंग से ठीक कर रही हूं।

संप्रदा गंगवार, हीलिंग परामर्शदाता,