बनारस मेट्रो ट्रेन को केंद्रीय कैबिनेट की मिली मंजूरी, लेकिन फाइनल डीपीआर नहीं तैयार

कमिश्नर के पास पहुंचने के बाद शासन को सौंपा जाएगा डीपीआर

राइट्स संस्था ने वीडीए को दिया डीपीआर की सॉफ्ट कॉपी

VARANASI

बनारस में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की फाइनल डीपीआर में भी लेट लतीफी साफ दिख रही है। कमिश्नर नितिन रमेश गोर्कण के साथ वीडीए और राइट्स के अधिकारियों के साथ बैठक में फाइनल डीपीआर क्भ् फरवरी तक वीडीए को सौंपने का वक्त दिया गया था लेकिन राइट्स ने मंगलवार को डीपीआर की सॉफ्ट कॉपी ही वीडीए को सौंपी है। इस बारे में वीडीए सचिव एमपी सिंह से पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं मिला। राइट्स के अधिकारियों का कहना है कि जो भी सुझाव आए थे उन्हें शामिल कर लिया गया है।

वहीं दूसरी ओर केंद्रीय कैबिनेट ने बनारस मेट्रो को हरी झंडी दे दी है। इसके बाद उम्मीद जतायी जा रही है कि बनारस मेट्रो के काम में तेजी आएगी। बनारस के साथ ही कानपुर मेट्रो को भी हरी झंडी दी गयी है।

ख्8 जनवरी को हुई थी मीटिंग

मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट की डीपीआर को अंतिम रूप देने के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में पिछले माह ख्8 जनवरी को बैठक हुई थी। मेट्रो डीपीआर बनाने वाली संस्था राइट्स ने मेट्रो डीपीआर का प्रेजेंटेशन किया था। माना जा रहा था कि बैठक में मेट्रो रेल को मंजूरी देते हुए शासन को भेज दी जाएगी लेकिन कुछ विभागों ने डीपीआर पर सवाल उठाते हुए संशोधन करने की बात कही।

फाइनल डीपीआर में भी आंशिक संशोधन

जिन विभागों ने आपत्ति जतायी थी उनके सुझाव को शामिल करते हुए दोबारा डीपीआर तैयार करने को कहा गया था। जिन विभागों ने सुझाव दिए थे उनको तीन दिन में लिखित सुझाव वीडीए को उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया गया था लेकिन विभागों ने लिखित सुझाव वीडीए को उपलब्ध नहीं कराया। ऐसे में राइट्स ने कुछ आंशिक संशोधन करते हुए डीपीआर की सॉफ्ट कॉपी वीडीए को उपलब्ध करा दी है।

इंग्लिशिया लाइन पर वैकल्पिक व्यवस्था

पीडब्ल्यूडी ने इंग्लिशिया लाइन पर बनने वाले वाई आकार के ओवरब्रिज के पिलर से मेट्रो प्रोजेक्ट में परेशानी आने की आशंका जताई थी। कमिश्नर ने इस पर राइट्स व मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लखनऊ के अधिकारियों से वैकल्पिक व्यवस्था कर स्थिति स्पष्ट करने की बात कही थी।

फाइनल डीपीआर जब मेरे पास आएगा, उसके बाद ही शासन को भेजा जाएगा। अभी तक डीपीआर मुझे नहीं मिला है। इसे क्भ् फरवरी तक सौंपने को कहा गया था। कैबिनेट से मिली मंजूरी को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है।

नितिन रमेश गोकर्ण, कमिश्नर