- पानी बचाने की आदत नहीं होने से बढ़ रहा जल संकट

-व्हीकल वॉश करने में ही हर रोज बर्बाद हो रहा हजारों लीटर पानी

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दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में हर कोई अपनी आजादी का एहसास बखूबी कर रहा है। लेकिन ढेरों लोगों को इसके सही मायने भी नहीं मालूम हैं। कइयों के लिए तो स्वतंत्रा मतलब यह है कि वह कुछ भी करें उन्हें कोई रोक नहीं सकता है। भले ही उनकी हरकत बड़ी परेशानी का सबब बन रही हो। अपने शहर में भी ऐसे लोगों की संख्या बहुतायत है। वह पानी की बर्बादी कर रहे हैं और सभी के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। हर रोज व्हीकल वॉशिंग में हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। कॉलोनियों में घरों और दुकानों के बाहर सड़कों को धुलने में बेतरतीब तरीके से पानी बहाया जा रहा है। इन सब कारण से सिटी में पानी की किल्लत बढ़ रही है। ग्राउंड वाटर लेवल की हालत बद से बदतर हो रही है।

सब हो गए बेपरवाह

- तेजी से बन रहीं मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स की वजह से ग्राउंड वाटर का अंधाधुंध दोहन हो रहा है

- सिटी की चुनिंदा बिल्डिंग्स में ही रेन वाटर हारवेस्टिंग का इंतजाम है

- सैकड़ों कुण्ड-तालाब पाट दिए जाने से ग्राउंड वाटर रिचार्ज सिस्टम बिगड़ गया है

-टपकती टोटियां और टूटे वाटर सप्लाई पाइप से भी रोज हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है

धुलाई ने मुसीबत बढ़ाई

- सिटी में लगभग लगभग चार सौ व्हीकल वाशिंग सेंटर हैं

- एक वाशिंग सेंटर पर डेली 30 से 40 टू व्हीलर की वाशिंग होती है

- सिटी में डेली लगभग दस से पंद्रह हजार फोर व्हीलर की धुलाई डेली होती है

- एक टू व्हीलर की धुलाई में दो सौ से तीन सौ लीटर पानी यूज होता है

-फोर व्हीलर को धोने के लिए कम से सात सौ से आठ सौ लीटर पानी की जरूरत होती है

एलार्मिग है कंडीशन

-सिटी के अंडरग्राउंड वाटर लेवल की कंडीशन एलार्मिग है

भूगर्भ जल विभाग के आकड़ों के अनुसार पांच सालों में अंडरग्राउंड वाटर लेवल चार से छह मीटर नीचे गया है

-सर्किट हाउस एरिया में अंडरग्राउंड वाटर लेवल ग्राउंड से 25.90 मीटर नीचे है

-लहरतारा एरिया में अब अंडरग्राउंड वाटर लेवल 26 मीटर नीचे है।

-शिवपुर में भी अंडरग्राउंड वाटर लेवल 25 मीटर के आसपास ही है

- अंडरग्राउंड वाटर लेवल की यही हालत लगभग सिटी के अन्य एरियाज में भी है

-पानी की बर्बाद से डिस्ट्रिक्ट की 40 लाख की आबादी में से 45 परसेंट वाटर क्राइसिस झेल रही है

-3200 कुएं और 470 तालाब सूखे हैं, 6700 हैंडपम्प ने पानी छोड़ दिया है

मुसीबत हर तरफ से

सिटी की सबसे बड़ी परेशानी इन दिनों पानी है। सिटी में रहने वाली पॉपुलेशन लगभग 18 लाख है। दो लाख घर टैक्स के दायरे में आते हैं। इनमें से सिर्फ 118309 घरों में वॉटर कनेक्शन है। 1402 सार्वजनिक नल और 2358 हैण्डपम्प के जरिए शहर के लोगों को पानी की इंतजाम किया जाता है। पर्याप्त बिजली नहीं मिलने से जरूरत के मुताबिक वॉटर सप्लाई नहीं हो पा रही है। ग्राउंड वाटर लेवल नीचे होने से हैण्डपम्पों ने पानी देना छोड़ दिया है। वह भी शहर के लोगों की पानी की जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। सिटी के 90 वार्ड में से 40 में जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा है। ग्राउंड वाटर लेवल नीचे जाने से ढाई से तीन सौ फीट बोरिंग करानी पड़ रही है। पानी की बर्बादी को रोकने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन की सख्ती नहीं होना। बोरिंग और रेन वॉटर हारवेस्टिंग के नियमों का पालन सख्ती से नहीं कराया जाता है।