-काशी विद्यापीठ में 'मीडिया कम्यूनिकेशन' विषय पर हुई वर्कशॉप

-एक्सप‌र्ट्स ने स्टूडेंट्स को सोशल मीडिया की बारीकियों के बारे में दिये टिप्स

VARANASI

फेसबुक, वाट्सएप, ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया के बढ़ते मिसयूज से बचने के लिए एलर्ट रहना बहुत जरूरी है। साथ ही नेशनल लेवल पर इसके लिए पॉलिसी बनाने की आवश्कता है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के सेंट्रल लाइब्रेरी के समिति कक्ष में गुरुवार को 'मीडिया कम्यूनिकेशन' विषयक वर्कशॉप में ये बातें एक्सप‌र्ट्स ने कहीं। हॉस्टल के तत्वावधान में आयोजित वर्कशॉप में एक्सप‌र्ट्स ने सोशल मीडिया की बारीकियों के बारे में स्टूडेंट्स को टिप्स दिये। वर्कशॉप का इनॉगरेशन वीसी डॉ। पृथ्वीश नाग ने किया। मुख्य वक्ता सेंटर फॉर सोशल रिसर्च के मीडिया कम्यूनिकेशन, नई दिल्ली के अध्यक्ष अभिताभ कुमार ने कहा कि सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, वाट्सएप पर अनचाहे मेसेज को रोका जा सकता है। फेसबुक पर नौ प्रकार के सिक्योरिटी पॉइंट्स हैं। हालांकि इसकी जानकारी कम ही लोगों को है। सिक्योरिटी सिस्टम का इस्तेमाल कर अनचाहे मेसेज को रोका जा सकता है। इसी प्रकार वाट्सएप में अनचाहे मेसेज भेजने वाले को ब्लॉक किया जा सकता है। ग्रुप से डिलिट होने का भी ऑप्शन है। वहीं यदि ग्रुप एडमिन को ब्लॉक कर दिया जाय तो वह ग्रुप दोबारा आपको अपने ग्रुप में जोड़ नहीं पाएगा। इस क्रम में वेब मास्टर विक्रम श्योरन ने भी सोशल मीडिया की बारीकियों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान जेके महिला, लाल बहादुर शास्त्री व आचार्य नरेंद्र देव हॉस्टल के करीब क्7भ् स्टूडेंट्स को वर्कशॉप का सर्टिफिकेट दिया गया। अध्यक्षता चीफ वार्डेन प्रो। रविप्रकाश पांडेय, संचालन डॉ। रेखा व थैंक्स डॉ। नलिनी श्याम कामिल ने दिया।