विश्व रक्तदाता दिवस

-बनारस सहित पूर्वाचल भर के लोग लेने आते हैं आईएमए से ब्लड

-हजारों जिंदगियों के लिए कवच बना आईएमए हर साल 40 हजार यूनिट ब्लड की करता है पूर्ति

VARANASI

बनारसी खून सिर्फ बनारस के लोगों की रगों में ही नहीं दौड़ रहा है बल्कि यहां का खून पूर्वाचल के भी कई जिलों की रगों में दौड़ रहा है। सुनने में अटपटा जरूर लग रहा होगा लेकिन यह हकीकत है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बनारस हर साल ब्0 हजार यूनिट ब्लड की पूर्ति कर रहा है। रक्त पूर्ति के मामले में पूर्वाचल सहित यूपी भर में आईएमए नंबर एक पर है। हजारों जिंदगियों के लिए कवच बने आईएमए में हर साल ब्0 से ब्भ् हजार यूनिट ब्लड डोनर के जरिये कलेक्ट किया जाता है।

ये हैं सबसे बड़े डोनर

रक्तदाताओं की बात करें तो सबसे अधिक ब्लड डोनेट करने वालों में सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी सबसे अधिक है। श्रद्धा एक प्रयास संस्था ने पिछले पांच सालों में छह सौ यूनिट ब्लड डोनेट किया है। संत निरंकारी मंडल हर साल ढाई सौ से तीन सौ यूनिट, साधना फाउंडेशन हर साल ढाई सौ यूनिट, एसएमएस कॉलेज हर साल डेढ़ सौ यूनिट, लायंस क्लब डेढ़ सौ यूनिट, बीजेपी सौ यूनिट, ह्यूमैनिटी संस्था सौ यूनिट, बजरंग दल म्0 यूनिट, अंजुमन इमामियां संस्था की ओर से फ्7 यूनिट ब्लड डोनेट किया जाता है।

आपका खून किसे चढ़ा, जान सकेंगे

आईएमए में अब तो ब्लड डोनर का डेटा तैयार किया जा रहा है। यानि अब आप एक क्लिक पर जान सकेंगे कि आपका खून किसे और कब चढ़ाया गया? इससे ब्लड डोनर का नाम व फोटो के साथ-साथ फिंगर पि्रंट व ब्लड ग्रुप का पता आसानी से चल सकेगा। आईएमए का ब्लड बैंक पूरी तरह से डिजिटलाइज हो चुका है।

ये कर सकते हैं रक्तदान

कोई भी स्वस्थ्य व्यक्ति जिसका वेट ब्भ् केजी से अधिक और उम्र क्8 से म्भ् वर्ष के बीच हो वह रक्तदान कर सकता है। तीन माह में एक बार फ्भ्0-ब्00 एमएल ब्लड डोनेट किया जा सकता है। वेट, हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर टेस्ट के बाद ही ब्लड दे सकते हैं। रक्तदान के ख्ब् से ब्8 घंटे के अंदर खून बन जाता है।

ब्लड डोनेट से कई फायदे

नियमित रक्तदान से ब्लड संबंधित खतरों की संभावनाएं बेहद कम होती हैं। बॉडी में नया खून बनता है। वेट, हीमोग्लोबिन, ब्लडप्रेशर के टेस्ट के अलावा खून संबंधित बीमारियों की भी जांच होती है। जैसे एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, सीफलिस (यौन रोग), मलेरिया।

ये न करें ब्लड डोनेट

कोई भी व्यक्ति जो कैंसर, टीबी, एड्स, डायबिटीज आदि बीमारियों का दवा खा रहा है या किसी भी प्रकार का उसका इलाज चल रहा है तो वे रक्तदान न करें। वायरल फीवर, पीलिया, एनिमिया से ग्रसित हो तो रक्तदान नहीं कर सकते। किसी भी प्रकार के नशे के आदि हैं तो ब्लड नहीं दे सकते। महिलाओं में जो छह माह से एक वर्ष के अंदर स्तनपान करा रही हैं, डिलीवरी हुआ है तो वो ब्लड नहीं दे सकतीं।

एक रक्तदान, बचाए चार जान

एक यूनिट ब्लड से चार लोगों की जान बचाई जाती है। इसे ब्लड कंपोनेंट कहते हैं। ब्लड में पीआरबीसी, प्लेटलेट, प्लाज्मा व क्रायोपीसीपिटेट होता है। जिसे चार अलग-अलग मरीजों को दिया जाता है।

पूर्वाचल के साथ ही यूपी भर में आईएमए हर साल चालीस हजार यूनिट ब्लड की पूर्ति करता है। हर किसी को स्वेच्छा से ब्लड डोनेट करना चाहिए। आपका खून यदि किसी की जान बचा सके तो इसके अच्छा परोपकार नहीं हो सकता।

डॉ। कार्तिकेय सिंह, सेक्रेटरी

आईएमए

शहर के बड़े ब्लड बैंक

-बीएचयू ब्लड बैंक

-एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा ब्लड बैंक

-डीडीयू डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल पांडेयपुर ब्लड बैंक

-आईएमए लहुराबीर ब्लड बैंक