कानपुर (इंटरनेट डेस्‍क)। Uttarakhand Tunnel Collapse: दिवाली यानि 12 नवम्‍बर को उत्‍तराखंड में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिल्क्यारा टनल के बीच एक हिस्‍सा ढहने से यह हादसा हुआ था। हादसे के बाद से ही एसडीआरएफ समेत तमाम एजेंसियों ने राहत और बचाव का काम शुरु कर दिया था। मलबे के बीच फंसे मजदूरों के रेस्क्यू के लिए SDRF कमान्डेंट मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में रात और दिन राहत और बचाव का काम जारी है। ताजा जानकारी के मुताबिक टनल में फंसे मजदूरों से संपर्क साधने में कामयाबी मिल चुकी है। SDRF कमान्डेंट द्वारा वॉकी-टॉकी के माध्‍यम से मजदूरों से बात की गई और उनको सुरक्षित रखने के लिए खाना, दवाएं और ऑक्‍सीजन वगैरह पहुंचाया गया है। इस हादसे के बाद उत्‍तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्‍थल का दौरा किया और सुरंग के भीतर जाकर राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया। साथ ही उन्‍होंने रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए।

पीएम मोदी ने सीएम धामी से बातकर जाना बचाव कार्यों का हाल
सीएम धामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे के बारे में पूरी जानकारी ली है और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके, इसके लिए एक्‍सपर्ट्स, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें काम कर रही हैं। "हमारी प्राथमिकता सभी 40 मजदूरों को बाहर निकालना है। हम सभी परिवारों को यह भी आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस मामले को लेकर बहुत गंभीर हैं। हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बचाव कार्य रात दिन जारी है। फंसे लोगों के साथ संपर्क स्थापित कर लिया गया है। धामी ने कहा, "हमें यहां जिन ह्यूम पाइपों की जरूरत है, उन्हें हरिद्वार से लाया जा रहा है। हमें उम्मीद है कि लोग जल्द ही बाहर आ जाएंगे। मलबा हटाने में दिक्कत आ रही है लेकिन फिर भी सभी टीमें हर संभव प्रयास कर रही हैं।"

करीब 35 मीटर मलबा करना होगा पार
ताजा अपडेट के मुताबिक मजूदरों को जल्‍द से जल्‍द रेस्‍क्‍यू करने के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीन मौके पर पहुंच चुकी है, जिसकी मदद से मलबे के बीच 900 मिलीमीटर का पाइप डालकर सभी मजदूरों को रेस्‍क्‍यू कर लिया जाएगा। उम्‍मीद की जा रही है कि मंगलवार रात या बुधवार सुबह तक टनल में फंसे सभी मजदूर सुरक्षित बाहर निकल आएंगे। बचावकर्मियों का कहना है कि फंसे हुए 40 श्रमिकों के स्थान तक पहुंचने के लिए टीमों को अभी भी लगभग 35 मीटर मलबा साफ करना होगा। फिलहाल सुरंग में फंसे सभी लोग सुरक्षित हैं। अधिकारी मजदूरों को पाइप के जरिए खाना भेज रहे हैं, ताकि बाहर आने तक उन्‍हें कोई दिक्‍कत न हो।

कितनी लंबी है ये टनल
ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डांडलगांव के बीच बन रही यह टनल 4,531 मीटर लंबी है और इसकी लागत करीब 854 करोड़ रुपए है। इसी टनल में 12 नवम्‍बर की सुबह यह हादसा हो गया था। राज्‍य सरकार ने इस टनल हादसे की जांच के लिए एक एक्‍सपर्ट कमेटी बना दी है जो कि हादसे के कारणों की जांच कर सरकार को रिपोर्ट देगी।

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