देहरादून ब्यूरो। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने फ्लाईओवर की नीचे की स्थितियों का जायजा लेने के लिए अजबपुर फ्लाईओवर का रुख किया। हरिद्वार बाईपास पर यह सिटी का सबसे लंबा आरओबी है। ओवर ब्रिज के नीचे एक अंडरपास भी बना हुआ है। यहां स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल आरओबी के नीचे के एक बड़े हिस्से को अपने कस्टमर्स के लिए पार्किंग के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। एक होटल ने भी फ्लाईओवर के एक हिस्से पर अपने कर्मचारियों के वाहनों की पार्किंग बनाई है। यहां एक टैक्सी भी खड़ी मिली। ड्राइवर का कहना था कि वह होटल में रह रही सवारी लेने आया है।

कचरे का ढेर
आरओबी के एक हिस्से में कचरे का एक बड़ा ढेर जाम है। देखने में लगता है आग लगने का बाद मलबा यहां फेंक दिया गया है। यह मलबा कई क्विंटल है। यह पता नहीं चल रहा है कि यह आग कहां लगी थी और आग से जला हुआ मलबा यहां किसकी इजाजत से रखा गया है। इस मलबे में अलावा यहां पुरानी गाडिय़ों आदि के स्क्रैप भी काफी मात्रा में रखा हुआ है।

लग्जरी बसों से पोकलैंड मशीन तक
आरओबी के नीचे कुछ लग्जरी बसें भी पार्क की गई हैं तो कई जेसीबी और पोकलैंड मशीनें भी यहां खड़ी हैं। समझा जाता है ये लग्जरी बसें देहरादून से यूपी और अन्य जगहों के लिए प्राइवेट कंपनियों द्वारा चलाई जाती हैं और अवैध रूप से यहां पार्क कर दी जाती हैं। जेसीबी और पोकलैंड मशीनें किसी कंस्ट्रक्शन कंपनी की बताई जाती हैं।

ढाबे भी और आशियाने भी
आरओबी के नीचे एक छोर से दूसरे छोर तक एक दर्जन से ज्यादा खाने-पीने के ढाबे और चाय-तंबाकू के खोमचे हैं। इसके अलावा कुछ बेघर लोगों ने यहां अपने छोटे-छोटे आशियाने भी बना रखे हैं।

क्या कहते हैं लोग
फ्लाईओवर और आरओबी के नीचे सबसे ज्यादा अव्यवस्था है। मोटे तौर पर देखें तो आमतौर पर इन जगहों पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है।
भानु

फ्लाईओवर चाहे नगर निगम के हों या रेलवे के आरओबी, इनका बहुत अच्छे तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। शहर की खूबसूरती भी बढ़ेगी और टैक्स भी मिलेगा।
आसिफ

अजबपुर आरओबी के नीचे तो हालत ऐसे हैं कि यहां से जाने में भी डर लगता है। मुझे पूरा विश्वास है कि यहां असामाजिक गतिविधियां चलती होंगी। यह कानून व्यवस्था का भी मसला है।
दिनेश तिवारी

प्रशासन को चाहिए कि फ्लाईओवर और आरओबी के नीचे के हिस्सों का सौन्दर्यीकरण करे। ये हिस्से शहर के सबसे गंदे हिस्सों में शामिल हो गये हैं, जबकि ये सबसे खूबसूरत हिस्से हो सकते हैं।
चिराग गोयल