देहरादून (ब्यूरो)। जुलाई 2020 रायपुर क्रिकेट स्टेडियम को कोविड केयर सेंटर बनाया गया था। तब से लेकर अब तक ये कोविड केयर सेंटर स्वास्थ्य विभाग के हवाले है। इस बीच इस स्टेडियम में न कोई स्पोट्र्स एक्टिविटीज हो पाई है और न ही आसार दिख रहे हैं। करीब ढाई सौ करोड़ की लागत से तैयार इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की स्थिति ये है कि यह स्टेडियम खस्ताहाल हो चुका है। यहां कोविड केयर सेंटर होने के कारण किसी को जाने की परमिशन नहीं है। ऐसे में स्टेडियम की सही तरीके से देख-रेख भी नहीं हो पा रही है। खास बात ये है कि स्टेडियम के टाइल्स उखड़ गए हैं। पिच पर घास उग आई है, कीमती साम्रगी पर धूल जमी हुई है। इसको लेकर पिछले दिनों पूर्व सीएम हरीश रावत ने मौका का मुआयना किया था और करोड़ों की लागत से तैयार स्टेडियम की दुर्दशा पर सवाल उठाए थे। इसको देखते हुए अब स्टेडियम से कोविड केयर सेंटर हटाने की तैयारी चल रही है।

आईडीपीएल से भी रायपुर पहुंचे इक्विपमेंट
ऋषिकेश आईडीपीएल में डीआरडीओ की ओर से बनाए गए अस्थाई कोविड हॉस्पिटल के सभी मेडिकल इक्विपमेंट रायपुर क्रिकेट स्टेडियम किए जा रहे हैैं। आईडीपीएल से सभी सामान रायपुर कोविड केयर सेंटर शिफ्ट होने के बाद कोरोना से संबंधित सारे उपकरण जिला अस्पतालों को ट्रांसफर किए जाएंगे। विभागीय सूत्र बताते हैं कि रायपुर कोविड केयर सेंटर व आईडीपीएल के अस्थाई कोविड अस्पताल के सारे मेडिकल उपकरण उन जिलों में शिफ्ट किए जाएंगे, जहां इनकी जरूरत है। इसके लिए बाकायदा, सभी जिलों से डिमांड भी मांगी गई। इधर, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ का कहना है कि रायपुर कोविड केयर सेंटर की सारी सामग्री बाहर नहीं जाने दी जाएगी। उनके विधानसभा क्षेत्र में मौजूर रायपुर सीएचसी में शिफ्ट किया जाएगा। विधायक का कहना है कि रायपुर सीएचसी में 30 बेड को बढ़ाकर 100 बेड किए जाने की तैयारी है।

सेंटर पर एक नजर
- रायपुर कोविड केयर सेंटर की क्षमता 500 बेड
- वर्तमान में सेंटर में मौजूद हैं 300 बेड
- वेंटीलेटर, ऑक्सीजन बेड भी किए थे इंस्टॉल
- विधायक निधि से एक करोड़ हुए थे आवंटित
- 4 महीनों से रायपुर कोविड केयर सेंटर में कोई पेशेंट भर्ती नहीं

सेंटर बनने से पहले होना था होमवर्क
रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ का कहना है कि यह वही कोविड केयर सेंटर है, कोविडकाल में जहां पर हजारों लोगों की जान बचाई गई। अब जब कोरोना कम हो रहा तो उसको शिफ्ट करने की बात सामने आ रही है तो यह गलत है। जबकि, इस पर तो सेंटर बनाने से पहले ही होमवर्क हो जाना चाहिए था। इधर, सीएमओ डा। मनोज उप्रेती का कहना है कि फिलहाल सभी जिलों से मेडिकल इक्विपमेंट के लिए डिमांड मांगी गई है। शासन के निर्देश पर इक्विपमेंट शिफ्ट कर दिए जाएंगे।