परिवहन विभाग गाडि़यों में अब तक नहीं लगावा सका एबीएस

-कामर्शियल पर्पस से चलने वाली हर गाड़ी में जरूरी है एबीएस

-सड़क हादसों को रोकने के लिए नहीं है कोई ठोस प्लानिंग

DEHRADUN:

ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया हाईटेक व ऑनलाइन शुरू कर परिवहन महकमा उत्तराखंड में विदेशों की तुलना में डेवलपमेंट करना चाह रहा है, लेकिन बात जब जरूरी योजनाओं और कार्यो के क्रियान्वयन की हो, तो परिवहन विभाग इससे कई गुना दूर नजर आ रहा है। दरअसल मोटर व्हीकल एक्ट 1989 में वर्ष 2007 में संसोधन के तौर पर एंटी ब्रेक लॉक सिस्टम लागू किया गया था। पर्वतीय राज्यों ( जैसे उत्तराखंड, हिमाचल आदि) में एबीएस लगवाना जरूरी किया गया था। जहां कामर्शियल पर्पस से चल रहे हर भारी वाहन को एंटी ब्रेक लॉक सिस्टम गाड़ी में लगवाना जरूरी कर दिया गया था, लेकिन आज तक परिवहन विभाग यहां एबीएस लगवाने के लिए एक एजेंसी तक नियुक्त नहीं कर सका। वर्तमान में सिर्फ नई गाडि़यों में ही एंटी ब्रेक लॉक सिस्टम लगा हुआ आ रहा है। जबकि देहरादून से पर्वतीय रूट पर संचालित होने वाली अधिकतर गाडि़या पुरानी है। जिनमें अभी भी एबीएस नहीं लगा हुआ है। ऐसे में आए दिन हो रहे सड़क हादसों में ज्यादातर गाडि़यों में एबीएस की कमी सामने आ रही है। हर साल दर साल सड़क हादसे हो रहे हैं, लेकिन शासन प्रशासन बढ़ते इन सड़क हादसों को रोकने में कोई ठोस निर्णय नहीं ले रहा है।

क्यों है जरूरी एबीएस

-एबीएस यानि कि एंटी ब्रेक लॉक सिस्टम सवारी पर्पज से चलने वाली गाडि़यों में लगवाया जाता है।

-इसका सीधा कनेक्शन वाहन के इंजन और पहिए से होता है।

-पर्वतीय रूट पर चलते हुए यह डिस्क ब्रेक का काम करता है।

-बर्फ और कीचड़ में गाड़ी फंस गई तो वहां हेल्पफुल होता है।

-एक पहिया अगर काम नहीं भी कर रहा है तो फ् पहिए पर गाड़ी सुरक्षित स्थान तक पहुंच सकती है।

-एक्सीडेंट के चांस कम होते हैं।

-ब्रेक फेल होने की स्थिति में असरदार होता है।

उत्तराखंड में नहीं है कोई लगवाने वाला

एंटी ब्रेक लॉक सिस्टम वाहन के निर्माण के दौरान ही कंपनी लगवा कर देती है। अधिकतर नई गाडि़यों में यह सिस्टम लग कर आ रहा है। लेकिन पुरानी गाडि़यों में यह सुविधा नहीं है। पुरानी गाडि़यों में अगर यह सिस्टम लगाते हैं तो करीब भ्0 हजार से अधिक की रकम जेब से खर्च करनी पड़ती है। फिलहाल उत्तराखंड में यह सुविधा नहीं है। इसके लिए परिवहन विभाग ने आज तक कोई एजेंसी नियुक्त नहीं की है।

वर्जन-

नई गाडि़यों में एबीएस लगा हुआ आ रहा है, लेकिन पुरानी गाडि़यों में यह नहीं है। एबीएस लगवाने के लिए एजेंसी की मदद ली जाएगी। विभागीय स्तर पर इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।

-सुनीता सिंह, उपायुक्त, परिवहन विभाग

आंकड़ो पर एक नजर-

साल एक्सीडेंट मौत घायल

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नोट- आंकड़े पुलिस विभाग से लिए गए हैं। इसमें मार्च तक के आंकड़े शामिल हैं।