देहरादून ब्यूरो। जोगीवाला से मसूरी बाईपास का चौड़ीकरण किया जाना है। दरअसल दून सिटी में बढ़ रहे ट्रैफिक के प्रेशर को कम करने के लिए यह योजना बनाई गई। हालांकि यह बाईपास अब भी है, लेकिन अब इसे चौड़ी करके ज्यादा सुविधाजनक बनाये जाने के प्रस्ताव है। इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए सहस्रधारा रोड पर सैकड़ों की संख्या में पेड़ काटे जाने हैं। लेकिन दून के कई संगठन इस योजना के बनाये जाने के समय से ही पेड़ काटने का विरोध कर रहे हैं।

कई बार कर चुके प्रदर्शन
सहस्रधारा के जंगल काटने के विरोध में देहरादून के दर्जनभर संगठन लंबे समय आंदोलन कर रहे हैं। कई बार मौके पर जाकर भी प्रदर्शन किया जा चुका है। सहस्रधारा रोड के अलावा देहरादून के संगठन थानों और आशारोड़ी में भी पेड़ काटने के विरोध में आंदोलन कर चुके हैं।

हाई कोर्ट तक गया मामला
सिटी के एक संगठन में सहस्रधारा रोड पर पेड़ काटे जाने के खिलाफ नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दर्ज की थी। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर फैसला होने तक पेड़ काटने पर रोक लगाई थी। पिछले दिनों हाई कोर्ट ने पेड़ काटने पर लगी रोक हटा दी थी। हाई कोर्ट के इस फैसले के साथ ही सहस्रधारा रोड पर पेड़ काटने का काम शुरू कर दिया गया है।

आशारोड़ी में भी सैकड़ों पेड़ काटे
सहस्रधारा रोड के पेड़ काटने से पहले देहरादून के आशारोड़ी में भी देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस वे के लिए सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं। इन पेड़ों को काटने के विरोध में भी देहरादून के संगठनों और जागरूक नागरिकों ने आंदोलन किया था। इस दौरान पेड़ काटने का काम बंद कर दिया गया। लेकिन बाद में पेड़ काट दिये गये हैं।