आर्टिफिशीयल स्लोप किया तैयार

यहां स्कीईंग के लिए लगभग सवा किमी लंबा आर्टिफीशियल स्लोप तैयार किया गया है। इसका वर्टिकल ड्रॉप लगभग 280 मीटर है। इन दिनों औली में आर्टिफीशियल स्नो बनाने का काम तेजी से चल रहा है। जोशीमठ से औली तक पहुंचने के लिए टूरिस्ट्स व स्की लवर्स के लिए रोपवे भी तैयार किया जा रहा है। यह रोपवे लगभग 3.8 किमी लंबा है।

पोस्पोन हुआ एल्पाइन स्कीईंग

औली में गत दिनों एल्पाइन स्कीईंग कॉम्पिटीशन पोस्पोन कर दिया गया था। क्योंकि बर्फबारी कम हुई और स्नो मेकिंग मशीन भी ठीक से काम नहीं कर रही थी, लेकिन गत दिनों बर्फबारी के बाद औली लखदख है। औली में लगभग 50 मीटर लंबी और 25 मीटर चौड़ी आर्टिफीशियल झील है। इसको इस तरह से तैयार किया गया है कि टेंप्रेचर जीरो डिग्री होने पर भी इसका पानी जमता नहीं है। इस झील का पानी आर्टिफीशियल स्नो बनाने में मददगार होता है। स्नो मेकिंग मशीन के माध्यम से तब बर्फ बनाई जाती है, जब औली का तापमान जीरो या इससे नीचे हो। जरूरी है कि ह्यूमिडिटी जीरो या तीन डिग्री तक हो, इसके बाद मशीन में पानी डाला जाता है और वह बर्फ के गोले फेंकती है।

प्रकृति ने दिया अद्भुत सौंदर्य

औली समुद्र तल से लगभग दस हजार फीट ऊंचाई पर स्थित है। जोशीमठ से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित औली को प्रकृति ने अद्भुत सौंदर्य दिया है। यह क्षेत्र पूरी तरह से ओक फॉरेस्ट से घिरा है। यहां से पर्यटक नंदा देवी, कामेट, त्रिशूल चोटी, द्रोण पर्वत, हाथी पांव, माना आदि चोटियों का भी नजारा देख सकते हैं। यहां ट्रैकिंग रूट भी है। ट्रैकिंग करने के लिए यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग आते हैं।

औली का स्लोप गुलमर्ग और शिमला की तुलना में कहीं बेहतर है। गुलमर्ग में नेचुरल स्लोप है। इस कारण वहां पर बड़े-बड़े बोल्डर हैं। ऐसे में स्कीईंग प्लेयर्स के लिए खतरा हो सकता है। औली में आर्टिफीशियल स्लोप होने से ऐसा कोई खतरा नहीं है। औली में स्कीईंग प्लेयर्स को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

-एसएस पांगती, प्रेसीडेंट,

उत्तराखंड विंटर गेम्स फेडरेशन