-आउटलुक टै्रवलर ने दिया बेस्ट कंजरवेशन अवार्ड

-पांच टाइगर के शिकार के बाद अवार्ड की खुशी फीकी

-उत्तराखंड में कार्बेट पार्क में ही हैं सबसे अधिक टाइगर

>DEHRADUN: एक ओर कार्बेट नेशनल पार्क को बेस्ट कंजरवेशन अवॉर्ड दिया जा रहा है, वहीं टाइगर की जान जा रही है। हाल ही में हुए पांच टाइगर के शिकार ने कार्बेट के कंजरवेशन की पूरी पोल खोलकर रख दी है, इसी के चलते कार्बेट पार्क प्रशासन अवॉर्ड का जश्न भी नहीं मना पा रहा है।

आउटलुक ट्रैवलर ने िदया अवॉर्ड

आउटलुक ट्रैवलर की ओर से कार्बेट पार्क को बेस्ट कंजरवेशन स्टोरी ऑफ इंडिया अवॉर्ड दिया गया है। इसका सबसे बड़ा कारण कार्बेट पार्क में वन्य जीवों के संरक्षण को माना गया है। साथ ही इसमें मुख्य भूमिका टाइगर की संख्या बढ़ना रही है। क्योंकि माना जाता है कि अन्य टाइगर रिजर्व के मुकाबले कार्बेट में टाइगर आसानी से देखे जा सकते हैं।

शिकार से िहला सिस्टम

एसटीएफ द्वारा शिकारी को पांच टाइगर की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसने जो खुलासे किए, उसने पूरा सिस्टम हिलाकर रख दिया है। शिकारी की रिमांड के दौरान पता चला था कि चार टाइगर कार्बेट पार्क में ही मारे गए थे। इनमें से दो के सोना नदी के पास मारे जाने की आशंका है। यह क्षेत्र सबसे अधिक संवेदनशील है। वहीं एक टाइगर का अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उसका शिकार किस क्षेत्र से हुआ। इसे बिजनौर सीमा में मारे जाने की बात कही जा रही है।

शिकार से फीका हुआ अवॉर्ड

बेस्ट कंजरवेशन अवॉर्ड को लेकर सोमवार को सीएम हरीश रावत ने अपनी फेसबुक पर कार्बेट पार्क को बेस्ट कंजरवेशन अवॉर्ड मिलने की सूचना पोस्ट की है। वहीं कार्बेट पार्क प्रशासन में इसे लेकर कोई खास उत्साह नहीं दिखाई दे रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण पांच टाइगर का मारा जाना है। क्योंकि इस शिकार ने कंजरवेशन के दावों की पोल खोलकर रख दी है।

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मैं कार्बेट पार्क में सुरक्षा को लेकर ही मीटिंग कर रहा था। पिछले सात दिनों से सीमावर्ती इलाकों के वनअधिकारियों से वार्ता हुई है। बिजनौर, पीलीभीत के डीएफओ से भी बैठकें चली। सीमा पर संयुक्त गश्त बढ़ाई जाएगी। वन्य जीवों को बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।

--डीबीएस खाती, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, उत्तराखंड