-हरिद्वार के बाद देहरादून फूलों के उत्पादन में दूसरे पायदान पर

-दून में सालाना फूलों का उत्पादन 507.68 मैट्रिक टन रिकॉर्ड किया गया

>DEHRADUN: फूलों की डिमांड को देखते हुए भले ही सूबे में फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में हरिद्वार सबसे आगे हो, लेकिन देहरादून भी बढ़त बनाए हुए दूसरे स्थान पर कायम है। जबकि देहरादून में फूलों के लिए उत्पादन क्षेत्रफल हरिद्वार से कम है। वहीं तीसरे नंबर पर नैनीताल भी दौड़ में शामिल है।

दून में 194.50 हेक्टेअयर में उत्पादन

हार्टीकल्चर में फूलों का उत्पादन न केवल पसंदीदा व्यवसाय साबित हो रहा है, बल्कि फ्लोरीकल्चर को उत्पादकों के लिए कैश क्रॉप के तौर पर भी बेहतर माना जा रहा है। यही वजह है कि अब सूबे में फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में किसान आगे बढ़ रहे हैं। इसमें हरिद्वार ने बढ़त बनाई है, जबकि दून व नैनीताल भी पीछे नहीं हैं। फिलहाल उद्यान विभाग की मानें तो देहरादून जिले में जरबेरा, कारनेशन, ग्लेडियोलाई, लिलियन, गेंदा, गुलाब, रजनीगंधा के उत्पादन के लिए लोगों में खासी दिलचस्पी बढ़ रही है। कारनेशन में तो दून हरिद्वार से भी आगे है। जबकि नैनीताल में अकेले कारनेशन का उत्पादन वर्ष 2014-15 में 139.07 मैट्रिक टन रिकॉर्ड किया गया है। नैनीताल में तो जरबेरा 784.89 मैट्रिक टन उत्पादन है।

दून में फूलों का उत्पादन (मै.टन में)

जरबेरा--कारनेशन--ग्लेडियोलाई--लिलियम

ख्भ्.फ्0--क्7.ख्फ्--भ्7.क्8---क्.भ्0

दून में फूलों का उत्पादन (मै.टन में)

गेंदा--गुलाब--रजनीगंधा--अन्य पुष्प

ब्8भ्.फ्ब्--भ्.ब्7--फ्.ख्8--क्फ्.78

दून में फूलों का उत्पादन क्षेत्रफल (हेक्टअर में)

जरबेरा--कारनेशन--ग्लेडियोलाई--लिलियम

फ्8.भ्0--क्0.भ्0--ब्भ्.00--क्.00

गेंदा--गुलाब--रजनीगंधा--अन्य पुष्प

7क्.भ्0--7.00--ब्.00--क्7.00

क्फ् जिलों में फूलों का उत्पादन (मै.टन में)

नैनीताल--फ्क्.म्8

उधमसिंहनगर--भ्ब्.फ्भ्

अल्मोड़ा--म्.फ्ख्

बागेश्वर--ब्फ्.ब्क्

पिथौरागढ़--म्.फ्ख्

चंपावत--क्.म्0

देहरादून--भ्07.77

पौड़ी--क्09.ख्0

टिहरी--8क्.ब्7

चमोली---क्0फ्.ब्0

रुद्रप्रयाग--भ्9.भ्क्

उत्तरकाशी--भ्ब्.70

हरिद्वार--म्7भ्.म्7

कुल उत्पादन--क्7ब्भ्.ब्0 मै.टन

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उत्पादन में कुमाऊं से गढ़वाल आगे

फ्लोरीकल्चर की बात की जाए तो कुमाऊं मंडल की तुलना में गढ़वाल मंडल के सात जिले आगे हैं। जिसमें हरिद्वार व देहरादून सबसे आगे हैं। कुमाऊं मंडल में जहां क्ब्फ्.म्8 मैट्रिक टन फूलों का उत्पादन होता है। वहीं उद्यान विभाग के आंकड़ों के अनुसार गढ़वाल मंडल में यह आंकड़ा क्म्0क्.7ख् मैट्रिक टन उत्पादन दर्ज किया गया है। कुल मिलाकर वर्तमान समय में पूरे राज्य में फूलों का कुल उत्पादन क्7ब्भ्.ब्0 मै.टन रिकॉर्ड किया गया है।

बाकी का भी क्ख्म्.म्फ् मैट्रिक टन उत्पादन

पूरे प्रदेश में जरबेरा का उत्पादन ख्0क्ब्-क्भ् में क्फ्7ब्.ख्9 मैट्रिक टन, कारनेशन का क्79.8ख्, ग्लेडियोलाई का भ्ख्भ्.भ्म्, लिलियम का क्ब्.9म्, गेंदा का क्ब्ख्8.फ्भ्, गुलाब का क्भ्फ्.ख्ख्, रजनीगंधा का उत्पादन ब्क्.ख्0 है। इसके अलावा दूसरे फूलों का उत्पादन क्ख्म्.म्फ् मैट्रिक टन उत्पादन रिकॉर्ड किया गया है।