- स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में बनाएं जाएंगे जेंडर चैंपियंस
- संस्थानों में जेंडर इक्विलिटी और गर्ल्स एंपावरमेंट पर करेंगे काम
- यूजीसी ने जारी किया नोटिफिकेशन
DEHRADUN: देश की पॉपुलेशन में ख्फ्ख् मिलियन यानि क्9.क्भ् परसेंट यंगस्टर्स हैं। भारत सरकार का मानना है कि क्भ् से ख्भ् साल के एज ग्रुप के इस सेग्मेंट को जेंडर इक्विलिटी को लेकर जागरूक करना बेहद जरूरी है, लेकिन यह एक साथ तभी संभव है जब यह वर्ग आगे आकर अपनी जिम्मेदारी को संभालने का काम करे। इसी को देखते हुए भारत सरकार स्कूल, कॉलेजेज और यूनिवर्सिटीज में जेंडर इक्विलिटी और गर्ल्स एंपावरमेंट का जिम्मा यंगस्टर्स के कंधों पर रखने जा रही है। शिक्षण संस्थानों में इसके लिए खासतौर पर 'जेंडर चैंपियन' तैयार किए जाएंगे। जो अपने संस्थानों में जेंडर सेंसिटाइजेशन का काम करेंगे। यूजीसी ने इसे लेकर गाइडलाइंस भी जारी की है।
मेधावी स्टूडेंट्स का होगा चुनाव
भारतीय संविधान के आर्टिकल क्भ् में जेंडर इक्विलिटी (लैंगिक समानता)को बढ़ावा देने के साथ ही गारंटी दी गई है। लेकिन इसे लेकर आज भी सकारात्मकता का अभाव है। इसी को देखते हुए यूजीसी अब नए सिरे से जेंडर इक्विलिटी पर काम करने जा रही है। मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट और मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट यानि एमएचआरडी के ज्वाइंट वेंचर में शुरू होने वाले इस प्लान में न सिर्फ यूनिवर्सिटीज बल्कि स्कूल्स और कॉलेजेज को भी शामिल किया जाएगा। यह चैंपियन स्कूल कॉलेजेज में पढ़ने वाले मेधावी स्टूडेंट्स में चुने जाएंगे, जो संस्थानों में जेंडर इक्विलिटी को लेकर एक बेहर माहौल तैयार करेंगे।
गर्ल्स को करेंगे जागरूक
जेंडर चैंपियंस को काम स्कूल, कॉलेजेज में गर्ल्स सेफ्टी से लेकर उनकी स्थिति को बेहतर करना होगा। साथ ही स्थितियों को बेहतर करने, आइडेंटिटि गैप को दूर करने के अलावा युवाओं को जागरूक करने के लिए वह क्लारूम्स एनालाइजेशन, ग्रुप डिस्कशंस, डीबेट्स, पोस्टर कॉम्पिटीशन, सोशल मीडिया कैंपेन, वर्कशॉप आदि कई दूसरी एक्टिविटीज के जरिए गर्ल्स को सशक्त बनाने का काम भी करेंगे। इस मुहिम में उनके सहयोग के लिए संस्थान नोडल टीचर भी नियुक्त करेगा। जो कि जेंडर चैंपियंस द्वारा ऑर्गनाइज की जा रही एक्टिविटीज में उनका सहयोग करेंगे।
क्म् साल से ऊपर के युवा बनेंगे चैंपियन
एमएचआरडी और मिनिस्ट्री ऑफ वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट यूजीसी द्वारा जारी किए नोटिफिकेशन के मुताबिक संस्थानों में जेंडर चैंपियंस बनाए जाएंगे। इसके लिए खासतौर पर स्टूडेंट्स को चुना जाएगा। हालांकि चैंपियंस का चुनाव संस्थान अपने स्तर पर करेंगे, लेकिन इसके लिए संस्थानों को कमीशन के मानकों को फॉलो करना होगा। जेंडर चैंपियंस बनने के लिए स्टूडेंट का क्म् साल से ऊपर के एज ग्रुप का होना अनिवार्य है।
यह होगी एलिजिबिलिटी
- क्म् साल पार कर चुके स्टूडेंट्स बनेंगे जेंडर चैंपियन
- स्कूल कॉलेज में रेगूलर क्लासेज अटेंड करने वाला ही पात्र।
- कम से कम भ्0 परसेंट मार्क्स या इक्विलेंट ग्रेड पाने वाले ही पात्र।
- प्रेजेंटेशन, बोलने व लिखने की स्किल्स के साथ लीडरशिप क्वॉलिटी होना।
- समाज व संस्कृति की बेहतर समझ रखने वाले ही पात्र
यह होगी जिम्मेदारी
- जेंडर सेंसिटाइजेशन के लिए ब्वॉयज और गर्ल्स को एक मंच प्रदान करना।
- डीबेट्स, ग्रुप डिस्कशंस और विभिन्न कॉम्पिटीशंस में भागीदारी कराना।
- ब्वॉयज और गर्ल्स के बीच आईडेंटिटि गैप का दूर करने करने का काम करना।
- वेबसाइट, ब्लॉग और सोशल मीडिया पर जेंडर सेंसिटाइजेशन पर इनोवेटिव एक्टिविटीज करना।
- संस्थानों में जेंडर इक्विलिटी पर फिल्म फेस्ट आदि का आयोजन
- बाकी स्टूडेंट्स के बीच जगह बनाते हुए उन्हें राह दिखाना।