सरकारी घर के खेत में छिपा रखे थे 55.73 लाख रुपये कैश

-देहरादून में कोठी और करोड़ों के प्लॉट्स के कागजात मिले

-4 लाख रुपये रिश्वत लेते धरा गया था सेना का सिविल क्लर्क

-अभी और बेनामी संपत्तियों का हो सकता है खुलासा

देहरादून,

पौड़ी गढ़वाल के लैंसडाउन में चार लाख की रिश्वत लेता पकड़ा गया सेना का सिविल क्लर्क प्रताप सिंह करोड़ों का मालिक निकला। प्रताप सिंह के सरकारी घर से सीबीआई ने 55 लाख 73 हजार रुपये कैश बरामद किए। इसके अलावा उसके पास से करोड़ों की संपत्ति के कागजात बरामद हुए हैं। ये संपत्ति देहरादून में है। बताया गया है कि इसके अलावा भी प्रताप सिंह की कई बेनामी संपत्तियां हैं जिनके कागजात सीबीआई खंगाल रही है। आपको बता दें कि गुरुवार को सीबीआई ने प्रताप सिंह को लैंसडाउन से गिरफ्तार किया था। वो गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के क्वार्टर मास्टर (क्यू) विभाग में सिविल क्लर्क है। अदालत ने उसे जेल भेज दिया है। आपको बता दें कि वह 6 माह बाद रिटायर होने जा रहे एक सैन्यकर्मी को छठे वेतनमान एवं एरियर का फायदा दिलाने के नाम पर 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया था।

खेतों में मिले लाखों रुपये

शुक्रवार को प्रताप सिंह को रंगेहाथों रिश्वत लेते गिरफ्तार करने के बाद देर रात सीबीआई की टीम ने उसके सरकारी निवास पर छापा मारा। सीबीआई की टीम ने सरकारी घर के खेतों से 55 लाख 73 हजार रुपये कैश बरामद किए। ये रकम एक बैग में खेत में छिपाई गई थी। उसके घर से संपत्ति के जो कागजात बरामद हुए हैं उनके अनुसार उसकी देहरादून में एक कोठी है। इसके अलावा करोड़ों की कीमत के प्लाट्स के भी दस्तावेज सीबीआई के हाथ लगे हैं।

रातभर खंगाला गया घर

सीबीआई की टीम ने रातभर गढ़वाल राइफिल्स के सिविल क्लर्क प्रताप सिंह के घर को खंगाला। बताया गया है कि जिस वक्त सीबीआई टीम प्रताप सिंह के घर पहुंची तो वहां सिर्फ उसकी पत्नी थी। सीबीआई के डीएसपी अनिल चंदोला के नेतृत्व में टीम ने दबिश दी। क्लर्क के घर के निकट खेतों से 55 लाख 73 हजार रुपयों से भरे बैग के अलावा घर से बड़ी मात्रा में सोने के जेवरात भी बरामद किए हैं। सीबीआई की ये कार्रवाई शुक्रवार सुबह तीन बजे तक चलती रही। इस दौरान सीबीआई की टीम ने किसी को भी आस-पास नहीं फटकने दिया। सीबीआई की टीम ने मीडिया से भी दूरी बनाए रखी।

विभाग में भी जांच-पड़ताल

रिश्वतखोर क्लर्क प्रताप सिंह के विभाग यानि गढ़वाल राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के क्वाटर मास्टर क्यू विभाग में भी सीबीआई की टीम ने जांच-पड़ताल की है। पता चला है कि कि दस साल पहले भी प्रताप सिंह पर रिश्वतखोरी के आरोप लगे थे लेकिन तब मामला रफा-दफा हो गया था।

मोटे प्वाइंटर

ये है क्लर्क की जायदाद

-55.73 लाख रुपये कैश बरामद

-करोड़ों रुपये की जीवन बीमा पॉलिसीज

-एफडी और अन्य बचत बीमा योजनाओं में भी लाखों निवेश

-चार बैंक खाते, लेकिन जमा रकम का खुलासा नहीं

-दून के हर्रावाला व बंगाली कोठी में महंगे प्लाट

-लैंसडाउन और चमोली में भी 6 प्लाट

-दून के अजबपुर में करोड़ों की कोठी

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इन ठिकानों पर हुई छापेमारी

-हाउस नंबर-38, विष्णु विहार, अजबपुर, देहरादून

-क्वार्टर नंबर-36, क्वींस लाइन, लैंसडाउन

-ग्राम-लोलती, पोस्ट-तुंगेश्वर, तहसील थराली, जिला-चमोली

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ब्याज पर चढ़ाई है मोटी रकम

सीबीआई को जानकारी मिली है कि आरोपी क्लर्क ने करीब 60 लाख रुपये की धनराशि ब्याज पर भी चढ़ाई हुई है। रकम किस-किस व्यक्ति के पास है, इसका पता लगाया जा रहा है। आरोपी 29 साल से लैंसडाउन में तैनात है। वो वर्ष 1987 में सेना में लोअर डिवीजन क्लर्क के पद पर भर्ती हुआ था। तब से लैंसडाउन में ही तैनात है। इस दौरान उसकी एक पदोन्नति अपर डिवीजन क्लर्क के पद पर हुई। वह एक ही स्थान पर कैसे नियुक्त रहा, यह भी जांच का विषय है। सीबीआई पता लगा रही कि कहीं घूसकांड में किसी और की संलिप्तता तो नहीं है।

संदेश-फोटो- 07 एलएसडी एक व दो

कैप्शन- वन - आरोपी प्रताप सिंह

दो- लैंसडौन में आरोपी प्रताप सिंह का सरकारी निवास।