- आज के ही दिन केदारनाथ त्रासदी में सैकड़ों यात्री हुए थे काल कलवित
- हजारों का नहीं चल पाया आज तक पता, परिजन अब तक आशान्वित
DEHRADUN: केदारनाथ त्रासदी को आज पांच वर्ष पूरे हो गए हैं। पांच वर्ष के बाद अब केदारघाटी में जनजीवन पटरी पर आ गया है। इस बार केदारनाथ दर्शन के लिए दुनियाभर के यात्रियों में उत्साह है। यात्रा से जुड़े हजारों कारोबारी भी दोबारा रोजगार से जुड़ चुके हैं। केदारपुरी पुनर्निर्माण पर पीएम खुद निगरानी रखे हुए हैं। त्रासदी में हजारों लोगों की मौत हो गई थी। कई का आज तक पता नहीं चल पाया है।
- आपदा के बाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य जारी हैं।
- सड़क, पुल व नए घर बनकर तैयार हो चुके हैं।
- रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे को नया स्वरूप दिया गया है।
- केदारवैली में करीब 10 हजार यात्री अकेले एक रात में ठहर सकते हैं।
- तीर्थ पुरोहितों के लिए भी दो सौ से अधिक भवनों का निर्माण हो चुका है।
- केदारनाथ यात्रा का पैदल मार्ग भले ही लंबा हो, लेकिन चौड़ा हो चुका है।
- लिंचौली, छोटी लिंचौली, रुद्रा प्वाइंट समेत कई पड़ाव हुए डेवलप।
केदारनाथ आपदा पर फ्लैश बैक
- 16 जून 2013 को केदारपुरी में आई थी सबसे बड़ी आपदा।
- सैकड़ों तीर्थयात्री काल के गाल में समा गए और हजारों का अता-पता नहीं चल पाया।
- 2845 गुमशुदा लोगों को राज्य सरकार ने दिया डेथ सर्टिफिकेट, 68 को नहीं मिल पाए प्रमाण पत्र।
- 19 राज्यों के 2913 यात्रियों की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज हुई थी।
- मिसिंग सेल के मुताबिक 3075 लोगों की गुमशुदगी दर्ज हुई।
- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 4267 मौतें हुई, अकेले उत्तराखंड से 994 लोग शामिल।
- केंद्र से 7 हजार करोड़ रुपए का पैकेज हुआ था मंजूर।
स्टेट--एफआईआर --डेथ सर्टिफिकेट
यूपी--1030--989
बिहार--55---45
झारखंड--42--41
दिल्ली--146--145
आपदा के बाद नए रूप में निखरा केदारनाथ
- देश के प्रमुख स्मार्ट धार्मिक स्थलों में शुमार हुआ केदारनाथ
- केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण कार्यो को केंद्र से मिल रही मदद
- केदारवैली में 273 मीटर दूरी से मंदिर का दिख रहा भव्य नजारा
- मंदिर का चबूतरा 1500 से 4125 वर्गमीटर तक बढ़ा
- कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉसिबिलिटी (सीएसआर) से मदद, केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट में अब तक 10 करोड़ रुपये जमा।
- पुनर्निर्माण कार्यो की पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं कर रहे हैं मॉनिटरिंग
- पीएम मोदी ने दो बार ड्रोन के जरिए लाइव पुनर्निर्माण कार्यो का लिया जायजा
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनिय¨रग (निम) को पुनर्निर्माण कार्यो का जिम्मा।
- केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा को दीवार निमार्1ण का कार्य पूरा।
केदारनाथ यात्रा को लेकर यात्रियों में उत्साह
इस वर्ष केदारनाथ धाम के कपाट बीते 29 अप्रैल को खुले थे। यह पहला मौका था, जब कपाट खुलने के मौके पर करीब 25 हजार से अधिक तीर्थयात्री मौजूद रहे। इस बार केदारनाथ यात्रा को लेकर यात्रियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। केदारनाथ में रोजाना यात्रियों के पहुंचने का औसत 10 हजार से ऊपर बताया जा रहा है।
कितने यात्री पहुंचे केदारनाथ
2011--400511
2012--573040
2013--333656
2014--40922
2015--154385
2016--309764
2017--471235
2018--595832(14 जून तक)
मरम्मत घोटाले पर हाईकोर्ट सख्त
NANITAL: 2013 की आपदा में केदारनाथ में बिजली-पानी की क्षतिग्रस्त लाइनों की मरम्मत के नाम पर फर्जी बिलों के जरिये करोड़ों के घपले के मामले में हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। खंडपीठ ने मुख्य सचिव को इस घोटाले में शामिल अफसरों पर एक माह के भीतर प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए हैं। एडवोकेट सुशील वशिष्ठ ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि 2013 में केदारनाथ आपदा में बिजली-पानी की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई थी। इन लाइनों को ठीक करने का ठेका 30 करोड़ में उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) को दे दिया गया। उरेडा द्वारा पुरानी लाइनों को पूरी तरह आपदा में बही हुई दिखाकर गोलमाल किया गया। रुद्रप्रयाग के डीएम की जांच रिपोर्ट में इस मामले में गोलमाल की पुष्टि हुई। याचिका में उरेडा चेयरमैन, डीएम, अपर सचिव, निदेशक उरेडा, मुख्य परियोजना अधिकारी, उप मुख्य परियोजना अधिकारी व वरिष्ठ परियोजना अधिकारी उरेडा को पक्षकार बनाया गया है।