- एम्स ऋषिकेश में व‌र्ल्ड एंटीमाइक्रोबेल अवेयरनेस वीक पर डॉक्टर्स ने साझा किए अनुभव

DEHRADUN: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में व‌र्ल्ड एंटीमाइक्रोबेल अवेयरनेस वीक में विशेषज्ञों ने कहा कि डॉक्टर की सलाह लिए बिना एंटीबायोटिक दवाओं का यूज न करें। ईएनटी विभाग के एडिशनल प्रो। मनु मल्होत्रा ने बताया कि खांसी, जुकाम, गले में दर्द की शिकायत वाले मरीज अपने मर्जी से ही एंटीबायोटिक का उपयोग कर लेते हैं, लिहाजा प्रतिरोधक स्थिति में उन्हें एंटीबायोटिक दवा का असर कम होने लगता है। डॉक्टर की सलाह पर ही एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करना चाहिए।

स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर

नियोनिटोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो। श्रीपर्णा बासु ने नवजात शिशुओं की बढ़ती मृत्युदर के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन्फेक्शन के बाद बच्चों को कई तरह के एंटीबायोटिक देने पड़ते हैं, जिसका उनके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। लिहाजा कोशिश की जानी चाहिए कि संक्रमण को पैदा ही नहीं होने दिया जाए। उन्होंने बताया कि हैंड हाईजीन का ध्यान रखने से 99 फीसद संक्रमण को कम किया जा सकता है। इस अवसर पर स्वांस रोग विभागाध्यक्ष प्रो। गिरीश ¨सधवानी,न्यूरोलॉजीविभागाध्यक्ष डॉ। नीरज कुमार, कॉर्डियो थोरसिक वस्कुलर सर्जरी विभाग (सीटीवीएस) के डॉ। अंशुमन दरबारी ने भी अनुभव साझा किए।