-वन व पर्यटन विभाग को आपसी कॉर्डिनेशन के दिए निर्देश

-ईको टूरिज्म कॉर्पोरेशन के जरिए पर्वतारोहण, रॉक क्लाइविंग जैसी गतिविधियों शामिल हों

DEHRADUN: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये वन व पर्यटन विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये हैं। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इको टूरिज्म कॉर्पोरेशन को शीघ्र क्रियाशील किया जाए। जबकि वन ग्रामों को इको टूरिज्म डेस्टिनेशन की रूपरेखा तैयार कर इको टूरिज्म सोसाइटी गठित की जाए।

रॉक क्लाइविंग भी शामिल हो

गुरुवार को सचिवालय में इको टूरिज्म से संबंधित गतिविधियों एवं इससे संबंधित कार्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि होम स्टे योजना को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। वन क्षेत्र से जुड़े गांवों को टूरिज्म डेस्टिनेशन के साथ नेचुरल हेरिटेज से इन्हें जोड़ा जाए। कहा, म्0 प्रतिशत वन क्षेत्रों से जुड़े गांवों व इन क्षेत्रों में अन्य पर्यटन गतिविधियों को संचालित कर इससे आय के संसाधन विकसित किये जाए। इसके अलावा इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को इससे जोड़ने से उनकी आर्थिकी में सुधार होगा। ईको टूरिज्म के पलायन पर अंकुश लगाया जा सकता है। कहा, ईको टूरिज्म कॉर्पोरेश्न के माध्यम से पर्वतारोहण, रॉक क्लाइविंग जैसी गतिविधियों को शामिल ि1कया जाए।

फॉरेस्ट डाक बंगलों को प्रयोग हो

सीएम ने कहा कि फॉरेस्ट डाक बंगलों का बेहतर उपयोग हो। इस दिशा में भी इको टूरिज्म कॉर्पोरेशन कार्य करें। इन डाक बंगलों की अनटोल्ड स्टोरी तैयार करने की दिशा में पहल की जाए।

गोमुख ट्रैक सरलीकरण पर जोर

गोमुख के ट्रैक को वर्षभर कतिपय प्रतिबंधों के साथ ट्रैकिंग के लिये खोलने, पीक फीस के निर्धारण तथा ट्रैकिंग परमिशन के लिये निर्धारित प्रक्रिया का सरलीकरण किये जाने की बात भी सीएम ने कही। इसके लिए सिंगल विंडो प्रणाली लागू की जाए। बीच कैम्पिंग पोलिसी को भी शीघ्र अंतिम रूप देने के निर्देश उन्होंने दिए। कहा, वर्ड वाचिंग, हाउस कीपिंग, नेचर गाइड जैसे कार्यक्त्रमों के संचालय पर विशेष ध्यान देने को कहा।