- फिजियोथेरेपी कोर्स में पढ़ाया जाएगा योगा

- यूजीसी ने यूनिवर्सिटीज को दिए निर्देश

DEHRADUN: देशभर की यूनिवर्सिटीज योगा को चिकित्सा से जोड़कर पढ़ाएंगी। इसके लिए योगा को फिजियोथेरेपी कोर्स के साथ अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ आयुष ने इसके लिए खास तौर पर योगा का सिलेबस भी तैयार किया है। योगा का यह सिलेबस फिजियोथेरेपी के यूजी और पीजी दोनों कोर्सेज में पढ़ाया जाएगा। यूनिवर्सिटी ने इसे लेकर यूनिवर्सिटीज को सर्कुलर भी जारी कर दिया है।

यूजी और पीजी में होगा शामिल

ख्क् जून को इंटरनेशनल योगा डे है। इस दिन को खास बनाने के लिए दुनियाभर में लोगों को योगा का महत्व बताया जाएगा। लेकिन इसे पढ़ाई और प्रोफेशन से भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए योगों को फिजियोथेरेपी कोर्सेज, बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (बीपीटी) और मास्टर ऑफ फिजियोथेरेपी (एमपीटी) कोर्सेज का अनिवार्य हिस्सा बनाया जा रहा है। योग को बढ़ावा देने के लिए यूजीसी ने देशभर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजेज के लिए मिनिस्ट्री ऑफ आयुष के निर्देशानुसार योग का नया सिलेबस भी तैयार किया है।

तैयार किया सिलेबस

यूजीसी ने इस सिलेबस में फिजियोथेरेपी को शामिल किया है। इस पहल के बाद स्टूडेंट्स अब यूजी और पीजी में योगा की पढ़ाई भी कर सकेंगे। ख्क् जून को दुनिया में मनाए जाने वाले इंटरनेशनल योगा डे से पहले यूजीसी ने यह सिलेबस जारी कर दिया है। कमीशन ने सिलेबस को अपनी वेबसाइट पर अपलोड भी कर दिया है।

योगा की बारिकयों से रूबरू होंगे स्टूडेंट्स

बीपीटी और एमपीटी कोर्से के जरिए स्टूडेंट्स योगा की बारीकियां भी जान सकेंगे। योगा को थ्यौरी और प्रेक्टिकल दोनों ही तरह से पढ़ाया जाएगा। कोर्स स्टूडेंट्स को करियर के लिहाज से तो नया रुख देगा ही, साथ ही योगा की मांग को देखते हुए युवाओं को यह कोर्स प्रोफेशनली बेहतर बनाने का काम करेगा। कमीशन के निर्देशानुसार बीपीटी कोर्स चार साल यानि आठ सेमेस्टर का होगा, जबकि एमपीटी दो साल का होगा।

वर्जन---

फिजियोथेरेपी के यूजी और पीजी कोर्स के साथ योगा को पढ़ाया जाना स्टूडेंट्स को हर तरह से लाभ देगा। इससे स्टूडेंट्स को योग की जानकारी होगी, साथ ही प्रोफेशनली भी काफी फायदा होगा।

----- डा। विजय जुयाल, रजिस्ट्रार, एचएनबी उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी