साल 2012 में आई थी दून

दरअसल, अप्रैल 2012 में गर्जर कन्या इंटर कॉलेज देवधर हरियाणा में पढ़ती थी। सहारनपुर निवासी नाइंथ की छात्रा अनुप्रिया टीसी सहित अन्य कागजात लेकर अपने मौसा अरुण कुमार के पास क्लेमनटाउन आई। मौसा ने दसवीं कक्षा में उसके एडमिशन के लिए सुभाष रोड स्थित दयानंद कन्या इंटर कॉलेज के लिपिक रविंद्र चौधरी से बात की। आरोप है कि रविन्द्र चौधरी ने एडमिशन के एवज में अरुण कुमार से दस हजार रुपए की डिमांड की। पैसे लिए जाने के कुछ दिन बाद रविंद्र ने अरुण को बताया कि अनुप्रिया का स्कूल में एडमिशन हो गया है।

खो दिए डॉक्युमेंट्स

स्कूल में एडमिशन की खबर मिलने के बाद अनुप्रिया ने स्कूल जाना शुरू कर दिया, लेकिन स्कूल में अन्य बच्चों की तरह अनुप्रिया की अटेंडेंस नहीं लगाई जाती थी। इस बात की खबर जब छात्रा के परिजनों को लगी तो वे स्कूल पहुंचे। जहां उन्हें बताया गया कि रविंद्र ने छात्रा का एडमिशन प्राइवेट करवाया हुआ है, लेकिन बाद में यह बात भी झूठी निकली। अनुप्रिया का साल बर्बाद न हो इसके लिए परिजनों ने ओपन बोर्ड से उसे टेंथ क्लास में एडमिशन कराने के लिए रविंद्र से टीसी सहित अन्य कागजात मांगे तो वह टालमटोल करने लगा।

फर्जी निकली टीसी

परिजनों के काफी दबाव के बाद रविंद्र ने बताया कि अनुप्रिया की टीसी सहित अन्य डॉक्युमेंट खो चुके हैैं, लेकिन वह उन्हें दयानंद कन्या इंटर कॉलेज से छात्रा के कागजात बनाकर दे देगा। कुछ दिन बाद रविंद्र ने दयानंद इंटर कॉलेज के नाम से छात्रा की टीसी बनाकर दे दी, लेकिन जब ओपन यूनिवर्सिटी में डॉक्युमेंट की जांच पड़ताल हुई तो वह फर्जी निकली।

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