देहरादून (ब्यूरो): पिछले वर्ष की तुलना में दून की आबोहवा अधिक प्रदूषित रही। वहीं, ऋषिकेश में दीपावली पर भी हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही। इस बार उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पहली बार टिहरी में भी प्रदूषण की जांच की गई। यहां स्थिति संतोषजनक पाई गई, लेकिन एक्यूआई लेवल अधिक दर्ज होने को चिंताजनक माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि इस पर सरकार को सख्ती से व्यापक स्तर पर कदम उठाने चाहिए। अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब दून में दिल्ली जैसे हालात पैदा हो जाएंंगे।

घंटाघर में एक्यूआई 275 रिकार्ड
उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूकेपीसीबी) के सदस्य सचिव सुशांत पटनायक के मुताबिक देहरादून में वायु प्रदूषण की जांच घंटाघर और नेहरू कालोनी में की गई। दोनों जगह एक्यूआइ का औसत 272 रहा। पिछली दीपावली की बात करें तो यह औसत 247 रहा था, जबकि वर्ष 2021 में दीपावली पर यह अप्रत्याशित रूप से 327 पहुंच गया था।

दून में एक्यूआई सर्वाधिक रिकार्ड
बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से देहरादून के साथ ही ऋषिकेश, हरिद्वार, टिहरी, काशीपुर, हल्द्वानी, नैनीताल और रुद्रपुर में भी एक्यूआइ रीङ्क्षडग ली गई। टिहरी और नैनीताल में पहली बार एक्यूआइ मापा गया, हालांकि दोनों ही शहरों में स्थिति सामान्य के आसपास पाई गई। खास बात यह है कि दून के अलावा अन्य सभी शहरों में प्रदूषण पिछले वर्ष की तुलना में कमी रही।

इस दीवाली वायु प्रदूषण की स्थिति (एक्यूआइ में)
शहर इस बार पिछली साल
देहरादून (घंटाघर), 275, 254
देहरादून (नेहरू कालोनी), 269, 242
ऋषिकेश, 65, 257
हरिद्वार, 146, 321

एक्यूआइ इस तरह बताता है हवा का हाल
शून्य से 50, अच्छा
51 से 100, संतोषजनक
101 से 200, मध्यम श्रेणी
201 से 300, बुरी स्थिति
301 से 400, बहुत बुरी स्थिति
401 व अधिक, गंभीर स्थिति

5 नवंबर से की जा रही एयर पॉल्यूशन जांच
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली के मद्देनजर वायु प्रदूषण की जांच बीते पांच नवंबर से 19 नवंबर तक की जा रही है। देहरादून में पांच नवंबर से दीपावली तक प्रदूषण का स्तर करीब ढाई गुना बढ़ गया। एक सप्ताह पूर्व यह 113 था और दीपावली पर 272 रिकार्ड किया गया।

दून में पिछले एक सप्ताह के पॉल्यूशन पर एक नजर
तारीख एक्यूआई पाल्यूशन
5 113
6 115
7 108
8 108
9 116
10 132
11 132
12 272

पॉल्यूशन हर साल बेकाबू होता जा रहा है, लेकिन सरकार इसके प्रति कतई गंभीर नहीं है। जब तक सरकार पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए व्यापक रणनीति नहीं बनाती तब तक इस पर काबू पानी मुमकिन नहीं है। हाल यही रहा तो आने वाले समय में दून में दिल्ली जैसे हालात हो जाएंगे।
अनूप नौटियाल, अध्यक्ष, एसडीसी फाउंडेशन

एयर इंडेक्शन का इर साल तेजी से बढऩा खतरनाक है। इसके भविष्य में बहुत ही गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं। इसलिए सरकार को प्रदूषण नियंत्रण को ठोस कार्य योजना के साथ जन जागरुकता के लिए प्रभावी कार्यक्रम जल्द शुरू करना चाहिए।
राकेश उनियाल, रिटायर्ड जीएम, जल संस्थान

पॉल्यूशन अवेयरनेस के लिए सरकारी तौर पर ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी पॉल्यूशन डेटा लेकर इतिश्री कर दी। प्रतिबंध के बावजूद बेरोकटोक प्रदूषणयुक्त पटाखे जलाए गए। इस पर पुलिस-प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं रहा।
अर्जुन रावत, पर्यावरण प्रेमी

इस बार दीवाली पर पॉल्यूशन को लेकर पब्लिक अवेयरनेस जीरो रहा। सरकार की ओर से एक संदेश तक पब्लिक के नाम पर जारी नहीं किया गया। एयर पॉल्यूशन की सरकार को कोई चिंता नहीं है, जो आने वाले समय में शहरवासियों के लिए बड़ा संकट बन जाएगा।
आरएस रौतेला, रिटायर्ड इंजीनियर, पीडब्लयूडी

दीवाली पर दून में एयर पॉल्यूशन की जांच घंटाघर और नेहरू कालोनी में की गई। दोनों जगह एक्यूआइ का औसत 272 रहा। पिछली दीपावली में एयर क्वालिटी औसत 247 रहा था। एक्यूआई बढऩा निश्चित रूप से चिंताजक है।
सुशांत पटनायक, सदस्य सचिव,
यूकेपीसीबी, उत्तराखंड
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