देहरादून (ब्यूरो) प्रत्येक वर्ष होली के पांचवें दिन चैत्र मास की पंचमी पर श्री गुरु राम राय दरबार साहिब परिसर में झंडेजी के आरोहण के साथ झंडा मेला शुरू होता है। झंडेजी के आरोहण के अद्भुत पल के साक्षी बनने के लिए कई दिन पहले से श्रद्धालुओं के दून पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। जैसे-जैसे यह पल नजदीक आता गया, श्रद्धालुओं का उत्साह बढ़ता गया। यह प्रक्रिया शनिवार सुबह सात बजे पूजा-अर्चना के साथ शुरू हुई। बूंदाबांदी के बाद भी श्रद्धालुओं के जयकारे से दरबार साहिब गुंजामयान रहा, उन्होंने इसे श्री गुरु राम राय महाराज का आशीर्वाद बताया। सबसे पहले पुराने झंडेजी की पूजा हुई। इसके बाद झंडेजी को उतारने का क्रम शुरू हुआ। आठ बजे झंडेजी को उतारा गया।

गंगाजल से कराया स्नान
10 बजे झंडेजी को दूध, दही व गंगाजल से स्नान कराया गया, फिर गिलाफ चढ़ाने की रस्म शुरू हुई। पहले 41 सादे, फिर 21 शनील के गिलाफ चढ़ाए गए। अंत में दर्शनी गिलाफ चढ़ाया गया। इस बार दर्शनी गिलाफ ग्राम अहराणा कलां, जिला होशियारपुर पंजाब के हरभजन ङ्क्षसह के परिवार ने चढ़ाया। झंडेजी के आरोहण के दौरान पंजाब से पीले रंग की टीशर्ट में आए सेवादार गिलाफ चढ़ाने से लेकर झंडेजी के आरोहण तक परिसर में सेवा करने व व्यवस्था बनाने में डटे रहे। वहीं, बाहर से आई कुछ संगतें झंडेजी का आरोहण संपन्न होने के बाद शाम को ही माथा टेक अपने शहरों के लिए रवाना हो गईं। सोमवार को सज्जादानशीं श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुवाई में नगर परिक्रमा निकाली जाएगी। इसके लिए श्री दरबार साहिब, श्रीझंडा जी मेला आयोजन समिति ने तैयारी कर ली है।

15 मिनट में पूरी हुई प्रक्रिया
शाम 4.10 बजे दरबार साहिब के सज्जादानशीं श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज के दिशा-निर्देशन में झंडेजी का आरोहण हुआ। इसके साथ ही पूरा वातावरण गुरु महाराज व झंडेजी के जयकारों से गूंज उठा। संगतें ढोल की थाप पर नृत्य करने लगीं। इस पल को देख कई श्रद्धालुओं की आंखें भी नम हो गईं।

उठते गए झंडेजी बढ़ती गई गूंज
दरबार साहिब के सज्जादानशीं श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज के निर्देशन में सुनहरे गोटे से सजे मखमली वस्त्र से सुसज्जित झंडेजी के आरोहण की प्रक्रिया शुरू हुई। लकड़ी की कैंचियों के सहारे श्रद्धालुओं ने झंडेजी को धीरे-धीरे खड़ा किया। जैसे-जैसे झंडेजी उठते गए जयकारों की गूंज भी बढ़ती गई। गुरु महाराज की भक्ति में रंगे बच्चे, युवा, महिला, बुजुर्गों ने जयकारे लगाए। शाम 4.25 बजे झंडेजी का आरोहण होते ही पूरा माहौल श्री गुरु राम राय महाराज की जय, जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल, सच्चे दरबार की जय, दरबार साहिब की जय आदि जयकारों से गूंज उठा।

दर्शनी गिलाफ को छूकर मांगी मन्नत
दोपहर में झंडेजी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया जैसे ही शुरू हुई आसपास के श्रद्धालु भी झंडेजी के पास पहुंचने लगे। हर कोई दर्शनी गिलाफ छूने को आतुर दिखा। हर एक ने इसे छूकर मन्नत मांगी। गौर हो कि झंडेजी में एक ही दर्शनी गिलाफ बाहरी आवरण के तौर पर चढ़ाया जाता है। अंतिम बुङ्क्षकग बीते वर्ष नवंबर में हुई, जिन्हें दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य 108 वर्ष बाद यानी 2132 में मिलेगा।

नगर परिक्रमा कल, 17 तक मेला
कल यानी सोमवार को दरबार साहिब के सज्जादानशीं श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में दरबार साहिब परिसर से सुबह 7.30 बजे नगर परिक्रमा शुरू होगी। जगह-जगह विभिन्न सामाजिक संस्था व धार्मिक संगठनों की ओर से पुष्पवर्षा के साथ प्रसाद वितरित किया जाएगा। रामनवमी के दिन यानी 17 मार्च को झंडा मेले का समापन होगा।

dehradun@inext.co.in