देहरादून ब्यूरो। एसटीएफ उत्तराखंड के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने थर्सडे को एक प्रेस कॉन्फे्रंस में यह मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि ठगों का यह गिरोह मैक डोनाल्ड और केएफसी जैसी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर फ्रेंचाइजी के लिए ई-मेल, टेलीफोन और सोशल साइट्स पर संपर्क कर ठगी करता था। ऋषिकेश निवासी प्रशान्त जमदग्नि ने साइबर थाने में इस बारे में शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि मैकडानाल्ड की फें्रचाइजी के लिए उन्होंने गूगल सर्च किया था। उन्हें वेबसाइट मिली। वेबसाइट पर उन्होंने संपर्क किया। बाद में एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को मैकडोनाल्ड का कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर बताया। कम्पनी द्वारा आवेदन मंजूर करने की बात कहकर वेरीफिकेशन, रजिस्टे्रशन, एनओसी और लाइसेंस फीस के नाम पर 35 लाख 40 हजार रुपये विभिन्न खातों में जमा करवा दिये। उसके बाद उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।

पटना से मिला लिंक
साइबर क्राइम थाना पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि कई अन्य राज्यों में भी लोगों ने इस तरह की ठगी की गई है। ठगी के इस्तेमाल किये गये फोन नंबर और बैंक खातों की डिटेल्स में पता चला कि ठगों का लिंक बिहार के पटना से है। पुलिस टीम ने पटना पहुंचकर बैंक खातों की जांच की तो सभी बैंक खाते फर्जी आईडी से खोले गये थे। लगातार प्रयास के बाद पुलिस को 4 आरोपियों के बारे में जानकारी मिली। स्थानीय पुलिस की मदद से एसटीएफ ने चारों को अलग-अलग ठिकानों से गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार किये गये आरोपी
- सनी कुमार वर्मा पुत्र गोपाल प्रसाद वर्मा निवासी न्यू कॉलोनी थाना मालसलामी पटना बिहार।
- सूरज कुमार वर्मा पुत्र वकील प्रसाद वर्मा निवासी न्यू कॉलोनी थाना मालसलामी पटना बिहारर्।
- सनी कुमार पुत्र कृष्ण कुमार जायसवाल निवासी गुल मैया चौक सबलपुर थाना नदी मोजीपुर पटना बिहार।
- चन्दन कुमार उर्फ विकास पुत्र रामबाबू शाह निवासी जमुनापुर चाईटोली पटना बिहार

बरामद सामान
- 4 मोबाइल फोन।
- 12 सिम कार्ड।
- 2 डेबिट कार्ड।
- 2 आधार कार्ड
- 1 पेन कार्ड

ठगी करने का तरीका
एसटीएफ के एसएसपी के अनुसार आरोपी एक गैंग के रूप में काम करते थे। उन्होंने मैकडोनाल्ड और केएफसी जैसी कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाई थी। देश के विभिन्न राज्यों से जब कोई इन कंपनियों की फ्रैंचाइजी के लिए ऑनलाइन आवेदन करता था तो गिरोह के लोग उन व्यक्तियों से सम्पर्क करते थे। वे खुद को कम्पनी का कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर बता वैरिफिकेशन की फीस, रजिस्ट्रेशन, एनओसी और लाइसेंस फीस आदि के नाम पर ऑनलाइन पेमेंट लेते थे।

देशभर में 90 केस
एसएसपी आयुष कुमार के अनुसार अब तक मिली जानकारी के अनुसार इस गैंग के खिलाफ अब तक देश के विभिन्न राज्यों में 90 केस दर्ज हैं। इनमें से 14 केस अकेले तेलंगाना में दर्ज है। एसएसपी ने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों, फर्जी साइट, अमाउंट दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अनजान लोगों के चंगुल में न फंसें। ऑनलाइन कम्पनी की फ्रेंंचाइजी बुक कराने से पहले उस साइट के बारे में अच्छी तरह जानकारी ले लें।