प्लेसमेंट कंपनी ने किया फर्जीवाड़ा, जालसाजों की तलाश में पुलिस

- तीन सालों से बेरोजगारों को ठग रही थी फर्जी प्लेसमेंट कंपनी

- बेरोजगारों से आवेदन के साथ मांगती थी पांच-पांच सौ रुपए का ड्राफ्ट

- साइबर पुलिस को मिल रही थी शिकायतें, पुलिस ने मारा छापा

DEHRADUN: नौकरी दिलाने का झांसा देकर बेरोजगारों से रकम हड़पने वाली एक फर्जी प्लेसमेंट कंपनी का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। मामले में पुलिस ने एक महिला को भी गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि यह कंपनी पिछले तीन सालों से बेरोजगारों को झांसे में लेकर अपना शिकार बना रही थी। बाकायदा बेरोजगारों से आवेदन के साथ पांच-पांच सौ रुपए का ड्राफ्ट बनवाया जाता था। तीन सालों में कंपनी लाखों की रकम हड़प चुकी है। कंपनी के तार दूसरे प्रदेशों से भी जुड़े बताए जा रहे हैं। पुलिस पूरे मामले की पड़ताल में जुट गई है।

बनवाया जाता था बैंक ड्राफ्ट

लंबे समय से साइबर पुलिस को शिकायत मिल रही थीं कि एक फर्जी कंपनी बेरोजगारों को रोजगार दिलाने का झांसा देकर 500 से लेकर एक हजार रुपए तक वसूल रही थी। कंपनी द्वारा बताया जा रहा था कि प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए यह रकम ली जा रही है। बाकायदा बेरोजगारों से इसके लिए बैंक ड्राफ्ट बनवाया जाता था। साइबर पुलिस ने जांच शुरू की तो हकीकत का पता चला। पुलिस को मालूम चला कि जीएसडी एंटरप्राइजेज (अ यूनिट ऑफ ग्रामीण स्वरोजगार लघु उद्योग डेवलेपमेंट) नामक कंपनी बेरोजगारों को रोजगार दिलाने के बहाने बेरोजगारों को चूना लगा रही थी।

नौकरी का निकालते थे विज्ञापन

पुलिस की मानें तो जांच में पता चला है कि कंपनी चलाने वाले शातिर अखबारों में विज्ञापन निकालकर युवा बेरोजागारों को नौकरी का झांसा देते थे। इसके लिए बेरोजगारों के सर्टिफिकेट व बैंक ड्राफ्ट कोरियर के जरिए फर्जी पते पर मंगाए जाते थे। जहां एक महिला सहयोगी कोरियर एकत्रित कर अपने फर्जी कंपनी के सरगना तक पहुंचाती थी और यह रकम हड़प ली जाती थी। पुलिस की मानें तो यह गोरखधंधा ख्0क्फ् से लगातार चल रहा था।

कई दस्तावेज हुए बरामद

गुरुवार को साइबर थाना व पटेलनगर में मुखबिर से इसकी सूचना मिली। इसके बाद पुलिस ने कोरियर की डिलीवरी प्राप्त करने वाली महिला मेघा पत्नी मुकेश कुमार धिमानिया को मौके से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने गिरफ्तार महिला से उक्त फर्जी कंपनी के नाम से भेजे गए क्फ्0 कोरियर, कई बैंक ड्राफ्ट, फर्जी कंपनी की मोहर, इंक पैड व मोबाइल फोन बरामद किया है। महिला से पूछताछ जारी है। पुलिस का मानना है कि कंपनी के तार दूसरे राज्यों से भी जुड़े हैं।

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लाखों की है धोखाधड़ी

पुलिस की मानें तो उक्त फर्जी कंपनी द्वारा रोजगार देने के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी अब तक की जा चुकी है। प्राथमिक जांच में कंपनी के अकाउंट से म्0 लाख से ज्यादा का ट्रांजेक्शन होने की बात पता चली है।

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महिला घर से ही करती थी काम

पुलिस को यह भी पता चला है कि इस कंपनी का एक ऑफिस पहले कारगी चौक के आस-पास संचालित होता था। जहां यही महिला काम करती थी, लेकिन पकड़े जाने के डर से महिला ने कुछ दिनों तक चुपचाप रहने के बाद अपने ही घर से फर्जी कंपनी के लिए काम करना शुरु कर दिया। पुलिस का मानना है कि फर्जी कंपनी ने धोखा देने की नियत से अपना पता भी गलत दर्शाया है, जबकि उस पते के लिफाफे गिरफ्तार महिला के घर से प्राप्त किए जा रहे थे।

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मामले में बड़े गिरोह का हाथ लगता है, पुलिस की चार टीमें रवाना कर दी गई हैं। जल्द ही इस फर्जी कंपनी के सरगनाओं को दबोच लिया जाएगा।

डॉ। सदानंद दाते, एसएसपी, देहरादून।