- गोमुख और खतलिंग ग्लेशियर्स पर दरारों का मामला

- दरारें आने से वैज्ञानिक चिंतित, रिसर्चर्स लेंगे जायजा

UTTARKASHI: जुलाई के पहले हफ्ते में गोमुख ग्लेशियर का एक बड़ा हिस्सा टूटने के बाद अब खतलिंग ग्लेशियर में आई बड़ी-बड़ी दरारों ने ग्लेशियरों पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। गोविंद बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान द्वारा इस मामले को लेकर अपने तीन रिसर्चर्स को गोमुख रवाना किया है। एक सप्ताह तक टीम द्वारा ग्लेशियर की स्टडी की जाएगी और स्टडी रिपोर्ट दी जाएगी।

स्टडी रिपोर्ट देगी टीम

राज्य के पांच प्रमुख ग्लेशियर्स में शामिल खतलिंग ग्लेशियर पर करीब चार किलोमीटर एरिया में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, इस सूचना से ग्लेशियर्स पर रिसर्च कर रहे रिसर्चर्स चिंतित हैं। जीबी पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ। कीर्ति कुमार ने बताया कि ग्लेशियर्स में दरारें बनना सामान्य बात है, लेकिन खतलिंग ग्लेशियर के चार वर्ग किमी क्षेत्र में दरारों का आना वास्तव में चिंताजनक है। इसी को देखते हुए संस्थान ने तीन रिसर्चर्स की एक टीम गोमुख रवाना की है। यह टीम गोमुख ग्लेशियर की वर्तमान जीपीएस लोकेशन, उसके पिघलने की रफ्तार व दरारों की स्थिति पर अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट देगी।