पहाड़ में फंसे 500 से ज्यादा यात्री, अगले 60 घंटे हैं भारी

-बद्रीनाथ हाईवे ठप होने से फंसे करीब 500 यात्री

-कैलाश यात्रा का पांचवां जत्था भी रास्ते में फंसा

-हल्द्वानी में बह गई बस, एक की मौत

देहरादून:

पिछले 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश से उत्तराखंड के ज्यादातर इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई यात्री पहाड़ों में फंस गए हैं। बद्रीनाथ हाईवे लामबगड़ में फिर से मलबा आने से ठप हो गया है। सुरक्षा के लिहाज से बदरीनाथ, पांडुकेश्वर, जोशीमठ में तकरीबन 500 यात्रियों को रोका गया है। सीमा सड़क संगठन ने बंद स्थानों पर हाईवे खोलने का कार्य किया जा रहा है। लेकिन लगातार हो रही बारिश से सड़क खोलने में भारी दिक्कतें आ रही हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग पर भी पांचवां जत्था फंसा हुआ है। पिथौरागढ़ में शुक्रवार रात से जारी बारिश में कैलाश मानसरोवर पैदल यात्रा मार्ग लामारी से कोथला के बीच दो किलोमीटर ध्वस्त हो गया। इस वजह से यात्रियों का पांचवां जत्था फंस गया है। यात्रा मार्ग पर ही चार जगह पुलों के भी बहने की सूचना है। मौसम विभाग के मुताबिक अगल 60 घंटे देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौैड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में भारी बारिश के आसार हैं।

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और बह गई बस

बारिश फिर कहर बरपा रही है। हल्द्वानी में बारिश से चोरगलिया में स्थित सूर्यानाला ऊफान पर आ गया। इसमें एक बस बह गई। इस घटना में एक यात्री की मौत हो गई। बस में 35 यात्री सवार थे। ग्रामीणों की मदद से प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर यात्रियों को बचाया। इनमें दो की हालत गंभीर है। उधर, हल्द्वानी-अल्मोडाहाईवे पहाड़ दरकने से ठप हो गया है। गौला नदी उफान पर है और आसपास के लोग इस वजह से दहशत में हैं।

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जौनसार की लाइफलाइन बंद

16 वीकेएस 1,2

शुक्रवार रात से हो रही मूसलाधार बारिश से जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता समेत 22 मार्ग बंद हो गए। करीब 13 घंटे बाद कालसी चकराता मार्ग खुला, लेकिन लेकिन 21 मार्ग अभी भी बंद हैं। इससे करीब 150 गांव प्रभावित हैं। इन गांवों का दूसरे इलाकों से संपर्क पूरी तरह कटा हुआ है। उधर, भारी बारिश के चलते पछवादून के चार जल विद्युत उत्पादन केंद्रों ढालीपुर, ढकरानी, छिबरौ व खोदरी में शनिवार दोपहर 2 बजे से ठप रहे।

प्वाइंटर

कहां कितनी सड़कें बंद

-टिहरी- 15

-उत्तरकाशी- 9

- रुद्रप्रयाग- 6

- चमोली- 38

- पौड़ी- 29

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गोमुख में फंसे 33 कांवडि़ये

गोमुख ट्रैक पर चीड़बासा व देवनदी के पास पुलिया बहने से 33 कांवडि़ये 10 घंटे फंसे रहे। एसडीआरएफ और गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम ने उन्हें सुरक्षित निकालकर गंगोत्री पहुंचाया। शनिवार को गंगोत्री से 109 कांवडि़यों का दल गोमुख के लिए रवाना हुआ, लेकिन देवनदी के पास पुलिया बहने से उसे वापस लौटना पड़ा। गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने फिलहाल गोमुख जाने पर रोक लगा दी है।