- युवाओं की पसंदीदा बन रही मॉडर्न लाइब्रेरी, हर दिन पहुंच रहे 250 से 300 युवा
- एक्टीविटी सेंटर, म्यूजियम, सेमीनार हॉल, कंप्यूटर लैब हैं अवेलेबल

देहरादून (ब्यूरो): लाइब्रेरी में हिमालयी क्षेत्र विशेष रूप से उत्तराखंड के समाज, आर्थिक, इतिहास, राजनीतिक, संस्कृति, कला पर्यावरण, साहित्य समेत कई विषयों की लगभग 35 हजार पुस्तकें उपलब्ध हैं। हर महीने सात से आठ फिल्म प्रदर्शन, पुस्तक लोकार्पण, विचार गोष्ठी, प्रदर्शनी भी यहां आयोजित किए जा रहे हैं।

5000 तक पहुंची मेंबर्स की संख्या
वर्ष 2007-08 में जहां लाइब्रेरी के सदस्यों वार्षिक व आजीवन की संख्या 54 थी वह वर्तमान में 5 हजार पहुंच चुकी है। इसमें 4838 पंजीकृत सदस्य जबकि आजीवन सदस्यों की संख्या 609 पहुंच चुकी है। यहां एक्टीविटी सेंटर, म्यूजियम, सेमीनार हाल, कंप्यूटर लैब उपलब्ध है। मुख्यमंत्री पुष्कर ङ्क्षसह धामी ने भी बीते दिनों लाइब्रेरी अधिक उपयोगी बनाने के लिए इसे लोक पुस्तकालय घोषित किया है।

150 रिसर्च स्कॉलर भी करते हैैं स्टडी
यहां हर दिन 150 शोधार्थी पुस्तकों का अध्ययन कर अपने शोध पूरे करते हैं। मौसम कैसा भी हो, लेकिन यहां सुबह से शाम तक सभी सीटें भरी नजर आती हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं की भीड़ रहती है।

मेंबर खुद जाकर कर सकते हैं बुक्स सर्च
लाइब्रेरी में जाकर सदस्य रिसेप्शन के पास लगे कंप्यूटर पर किताबें सर्च कर सकते हैं। इसके बाद द्वितीय तल पर पुस्तके लेकर पढ़ सकते हैं। यदि किताब उपलब्ध नहीं है तो यहां रजिस्टर में किताब व लेखक का नाम लिखकर मांग कर सकते हैं। जिसे केंद्र शीघ्र उपलब्ध करवा देता है।

युवाओं के लिए हो रही मुफीद
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत तकरीबन 12.20 करोड़ की लागत से लैंसडौन चौक पर चार मंजिला माडर्न दून लाइब्रेरी युवाओं के लिए मुफीद साबित हो रही है। यहां तकरीबन 500 पाठकों के लिए अध्ययन की व्यवस्था है। इसमें से दूसरी मंजिल पर एक साथ 250 लोग बैठकर अध्ययन कर सकते हैं। इसी साल जनवरी से लैंसडौन चौक स्थित चारमंजिला माडर्न दून लाइब्रेरी में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र संचालित किया जा रहा है। पहले यह केंद्र परेड ग्राउंड के पास था।

विभिन्न क्षेत्रों में 118 युवा सफल
दून लाइब्रेरी एवं शोध केंद्र ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल युवा पाठक के आधार पर वर्ष 2012 से शोध किया। जिसमें 2022 तक केंद्र से पुलिस उप निरीक्षक, कमांडेट मे 35, अध्यापक, प्राध्यापक 17, बैंक, क्लर्क, पीओ 32 समेत विभिन्न क्षेत्रों में 118 युवा सफल हो चुके हैं। केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि इसका आंकड़ा उनके पास उपलब्ध है।

लोक संस्कृति म्यूजियम जल्द होगा तैयार
दून लाइब्रेरी एवं शोध केंद्र के सलाहकार प्रोफेसर बीके जोशी ने बताया कि लाइब्रेरी के चौथी मंजिल पर म्यूजियम बनकर भी लगभग तैयार है। इसमें उत्तराखंड के प्राचीन पीतल व काष्ठ के बर्तन, वाद्य यंत्र ढोल, दमाऊ, पांडुलिपी, काष्ठ कला, चित्रकला, मंदिरों से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहर आदि देखने को मिलेंगे। लाइब्रेरी का उद्देश्य लोग को अधिकाधिक जोड़कर यहां के बारे में अवगत कराना है। जल्द ही इसका उद्घाटन भी किया जाएगा।

आर्थिक रूप से कमजोर 100 व्यक्तियों की मेंबरशिप मुफ्त
लाइब्रेरी में वार्षिक सदस्यता शुक्ल 300 रुपये सालाना फीस जबकि 1000 रुपये सिक्योरिटी के रूम में जमा होगी। आजीवन सदस्यता एकमुश्त 2000 रुपये है। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को भी लाइब्रेरी का लाभ मिल सके इसके लिए जिलाधिकारी व देहरादून स्मार्ट सिटी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोनिका ने ऐसे 100 सदस्यों को मुफ्त सदस्यता देने का प्राविधान किया है। प्रतियोगिता परीक्षाओं से संबंधित 50 हजार पुस्तकों का भी प्रविधान किया है। लाइब्रेरी संचालित के लिए तकरीबन 10 करोड़ का फंड है जिसके ब्याज से पुस्तकों की खरीद, स्टाफ की सैलरी आदि का खर्चा पूरा होता है।

लाइब्रेरी पर एक नजर
300 रुपये वार्षिक शुल्क
1000 रुपये सालाना फीस
2000 रुपये सिक्योरिटी
100 आर्थिक रूप से कमजारे लोगों को फ्री मेंबरशिप
10 करोड़ रखा गया है फंड
50 हजार बुक्स प्रतियोगी परीक्षाओं की
35 हजार बुक्स रखी गई विभिन्न साहित्य, कला और संस्कृति से संबंधित
118 युवा अब तक प्रतियोगी परीक्षाओं में हुए सफल
5000 पहुंची मेंबर्स की संख्या
600 से अधिक आजीवन मेंबर्स
250 से लेकर 300 युवा पहुंच रहे रोजाना अध्ययन के लिए
500 मेंबर्स तक की है बैठने की क्षमता
12.20 करोड़ रुपये से बनी है लाइब्रेरी की नई बिल्डिंग

30 कंप्यूटर सिस्टम समेत कंप्यूटर लैब, प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें, साहित्य, कविता संग्रह, वकालत, उत्तराखंड की संस्कृति सभ्यता को बढ़ावा देने वाली समेत 35 हजार पुस्तकें उपलब्ध हैं। लाइब्रेरी में बायोमैट्रिक व्यवस्था, स्मार्ट सक्रीन, सौर ऊर्जा पैनल, पर्याप्त पार्किंग और वातानूकूलित वातावरण दिया जा रहा है।
सोनिका, सीईओ, स्मार्ट सिटी
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