- दो डॉक्टरों के जवाब से बढ़ी एसओ यशपाल और दरोगा जितेंद्र की मुश्किलें

- 18 जून को होगी मामले में अगली सुनवाई

DEHRADUN: बंदी से मारपीट करने वाले एसओ यशपाल बिष्ट और दरोगा जितेंद्र की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। गुरुवार को तीन डॉक्टरों में से दो की तरफ से कोर्ट में दाखिल जवाब ने एक और सनसनीखेज खुलासा किया है। दोनों डॉक्टरों ने कोर्ट के सामने अपनी गलती को मानते हुए माफी मांगी है। डॉक्टरों ने कोर्ट को बताया कि एसओ यशपाल बिष्ट ने रिपोर्ट व्हाट्सऐप पर दिखाने के बाद मेडिकल रिपोर्ट बनाने का दबाव बनाया था। गुरुवार को कोर्ट में अनुपस्थित डॉक्टर को जवाब दाखिल करने के लिए क्8 जून तक का समय दिया गया है।

क्8 जून को होगी अगली सुनवाई

गुरुवार को मेडिकल पैनल में शामिल डॉक्टर चेतन गिरोटी और डॉक्टर वनजीत बेदी ने अपने वकील पराग कुमार के माध्यम से कोर्ट में स्पष्टीकरण पेश किया। डॉक्टरों ने इस पूरे मामले में खुद को बेकसूर बताया है। उन्होंने गलत सप्लीमेंटरी मेडिकल रिपोर्ट के लिए पुलिस द्वारा दिए गए झांसे को जिम्मेदार ठहराया है। डॉक्टरों ने बताया कि उन्होंने तय प्रक्त्रिया के तहत सप्लीमेंटरी मेडिकल रिपोर्ट तैयार की है। दोनों डॉक्टरों ने अपने स्पष्टीकरण में गलती स्वीकार करते हुए माफी मांगी है। इसके अलावा तीसरी डॉक्टर निधी उनियाल को कोट ने क्8 मई तक स्पष्टीकरण की दाखिल करने के लिए कहा है।

व्हाट्सऐप पर तैयार करायी रिपोर्ट

डॉक्टरों ने कोर्ट को बताया कि एसओ यशपाल बिष्ट ने व्हाट्सऐप पर मेडिकल टेस्ट की रिपोर्ट दिखा कर सप्लीमेंटरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा। डॉक्टरों ने जब ऐसा करने से मना किया तो एसओ ने उन्हें आरोपी को कोर्ट में पेश करने की समय सीमा का हवाला देते हुए तुरंत रिपोर्ट बनाने का अनुरोध किया।

क्या है सप्लीमेंटरी रिपोर्ट

किसी भी मामले में मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की जाती है। फिर सभी टेस्ट की रिपोर्ट और उसके आधार पर तैयार सप्लीमेंट रिपोर्ट कोर्ट में जमा किया जाता है। जिसे कम्प्यूटराईज कागजों को आधार बनाकर वह सप्लीमेंटरी रिपोर्ट तैयार की जाती है वे सभी कागज कोर्ट में जमा किया जाते हैं। डॉक्टरों ने कोर्ट में दाखिल किए गए जवाब में इसी बात को आधार बनाया है।