-हथियार बंद बदमाशों ने घर में घुसकर लूटा लाखों का माल

-जाते-जाते घर के बाहर खड़ी बुलेरो भी साथ ले गए डकैत

DEHRADUN : दून में डकैती के इतिहास में एक चैप्टर और जुड़ गया। गत रात्रि सहसपुर एरिया में हथियारबंद बदमाशों ने घरवालों को बंधक बनाकर डकैती की बड़ी वारदात को अंजाम डे डाला। जाते-जाते वे घरवालों को घर के अंदर बंद कर घर के बाहर खड़ी बुलेरो कार में सवार होकर भाग निकले। वारदात का पता तब चला जब शादी में शिरकत कर लौट रहे रिश्तेदार सोने के लिए घर पहुंचे। सूचना पर पुलिस में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में आला अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची फिंगर एक्सपर्ट की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए।

गुरुपाल ने खुलवाया दरवाजा

दरअसल, जस्सोवाला निवासी गुरुपाल सैनी खेतीबाड़ी करते हैं। घर में उनके अलावा उनकी पत्नी रूबी देवी व बेटा बिट्टू रहता है। शुक्रवार को उनके द्वारा हाल में ली गई बुलेरो कार का ड्राइवर देवेन्द्र व भतीजा विपिन भी उन्हीं के घर में रुक गया। सभी लोग खाना खाने के बाद सौ गए। गुरुपाल गौशाला के बगल में खाट लगाकर लेट गए, जबकि अन्य लोग घर के अंदर सोने लगे। रात करीब साढ़े बारह बजे छह-सात नकाबपोश हथियारबंद बदमाश चुपचाप गौशाला में आ धमके। सभी लोग तमंचे व खुंखरी सलैस थे।

हथियारों से लैस थे बदमाश

बदमाशों में मौजूद एक ने गुरुपाल की कनपटी पर तमंचा रखते हुए कहा कि वह घर का दरवाजा खुलवाए। बुरे तरह डरे गुरुपाल ने घर का दरवाजा खटखटना शुरू कर दिया। घर के अंदर सो रहे भतीजे विपिन ने जैसे ही दरवाजा खोला, बाहर मौजूद बदमाश धड़धड़ाते हुए घर में जा घुसे। उन्होंने सभी को पकड़कर एक कमरे में चारपाई के ऊपर बैठा दिया और शोर मचाने पर जान से मारने की धमकी दी। एक बदमाश चारपाई के पास ही तमंचे के साथ खड़ा हो गया, जबकि अन्य घर खंगालने लगे।

बुलेरो से भागे बदमाश

बदमाशों ने घर के अंदर एक बक्से में रखी ज्वैलरी व दस हजार की नगदी पर हाथ साफ कर दिया। जाते जाते उन्होंने रूबी देवी के कानों में पहने सोने के झुमके भी उतरवा लिए। सभी को घर में बंद कर बदमाश घर के बाहर खड़ी बुलेरो कार में बैठकर भाग निकले। कार की चाबी उन्होंने घर को खंगालने के दौरान घर के अंदर से ही उठाई थी। वारदात को पता तब चला जब गांव की एक शादी में शिरकत कर करीब ढ़ाई बजे गुरुपाल के रिश्तेदार उसके घर सोने पहुंचे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया तो अंदर से सभी लोगों ने बताया कि दरवाजा बाहर से बंद है।

रिश्तेदारों ने खोला दरवाजा

रिश्तेदारों ने दरवाजा खोलकर सभी लोगों आजाद कराने के साथ सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस हड़कंप मच गया। आनन फानन में क्षेत्र में नाकेबंदी कर सघन चेकिंग अभियान चलाया गया, लेकिन बदमाशों का कुछ पता न चल सका। शनिवार सुबह एसएसपी अजय रौतेला, एसपी देहात मणिकांत मिश्रा समेत तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे। फिंगर एक्सपर्ट की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने गुरुपाल की पत्नी रूबी की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ डकैती की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

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गुरुपाल ने बेची थी जमीन

गुरुपाल के पास तीन बीघा खेत थे। कुछ समय पूर्व ही उसने ख्ख् लाख में एक बीघा खेत बेच दिया। जिसकी पहली किस्त दस लाख रुपए उसे मिल चुकी थी। इसी पैसे से उसने घर की मरम्मत कराने के साथ बुलेरो खरीदी थी। गुरुपाल ने पुलिस को बताया कि सभी डकैतों की उम्र फ्0-फ्भ् साल के बीच थी। किसी ने भी नकाब नहीं पहना था। वारदात के दौरान उन्होंने किसी के साथ मारपीट नहीं की। जाते जाते वे आपस में बात कर थे कि सूचना गलत थी। घर में कुछ भी नहीं मिला। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि डकैतों को यह सूचना था कि घर में पैसा है। वारदात में किसी परिचित के हाथ होने की आशंका भी जताई जा रही है।

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दो जगह रोकी गई बुलेरो

जिस बुलेरो से डकैत भागे उसे पुलिस ने दर्रारेट व बादशाही बाग बैरियर पर रोका, लेकिन कहीं भी पुलिस को यह नहीं लगा कि उसमें डकैत हैं। डकैत पकड़े जाते यदि पुलिस को सूचना पहले मिल चुकी होती, लेकिन घरवालों को घर में बंद कर भागे डकैतों को रिश्तेदारों ने ढ़ाई घंटे बाद आजाद कराया था। जिस स्थान पर गुरुपाल का घर है वहां पर फोन सिग्नल भी प्रॉपर नहीं आते हैं, जिस कारण घर के अंदर बंद कोई भी पुलिस को सूचना न दे सका। दरवाजा खुलने के बाद बाहर निकले लोगों ने ऐसे स्थान पर पहुंचकर पुलिस सूचना दी जहां पर टावर आते थे। यदि पुलिस को डकैती की सूचना पहले मिल जाती तो शायद वे पुलिस की गिरफ्त में होते।

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आउटर एरिया नहीं सेफ

राजधानी का आउटर एरिया सेफ नहीं है। पिछले एक माह के दौरान डकैती की तीन वारदातें आउटर एरिया में हुई है। जिसमें पहली नेहरू कॉलोनी के बुढ़ीगांव में कम्प्यूटर शॉप चलाने वाले व्यक्ति के घर में सामने आई। इसके कुछ दिन बाद ही बालावाला में सहायक कृषि अधिकारी के घर डकैती की दूसरी बड़ी वारदात हुई। तीसरी वारदात को जस्सोवाला गांव में अंजाम दिया गया। तीनों घटनाओं में एक बात कॉमन रही है कि बदमाशों बस्ती से दूर एकांत में बने घरों को निशाना बनाया। घर में हर व्यक्ति की उन्हें भली भांति जानकारी थी। ऐसे में साफ है कि डकैती पूरी रेकी कर वारदात को अंजाम दे रहे हैं।

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