देहरादून (ब्यूरो)। बीते 25 नवंबर को एक महिला ने थाना प्रेमनगर में अपनी 15 वर्षीय बेटी के लापता हो जाने का मामला दर्ज करवाया था। शिकायत में कहा था कि उनकी बेटी 24 नवंबर की शाम को घर से निकली थी और वापस नहीं लौटी। पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर मामले की तहकीकात शुरू कर दी। किशोरी की तलाश के लिए एक टीम गठित की गयी। टीम ने गुमशुदा के घर, पड़ोस और दोस्तों से गहनता से पूछताछ की। आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। लेकिन, इसमें कुछ खास हाथ नहीं लगा।

मोबाइल डिटेल से मिला सुराग

पुलिस ने किशोरी के फोन नंबर की डिटेल हासिल की तो पता चला कि उसकी गुजरात के किसी नंबर पर बातचीत हो रही थी। पुलिस ने उन नंबरों पर बात करनी चाही तो नंबर बंद मिले। इससे उन फोन नंबरों की सही लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। आखिरकार पुलिस की एक टीम को गुजरात रवाना किया गया। गुजरात में पुलिस ने संदिग्ध नंबरों के बंद होने की लोकेशन के सर्विलांस के आधार पर हासिल की। और आखिरकार ट्यूजडे को पुलिस शादाब शर्मा नाम के व्यक्ति तक पहुंच गई। पुलिस ने उसके पास से किशोरी को सकुशल बरामद कर लिया। शादाब को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को लेकर पुलिस देहरादून लौट गई है। किशोरी के बयान दर्ज करने के साथ ही पुलिस ने उसका मेडिकल भी करवाया है। आरोपी की पहचान शादाब शर्मा, पुत्र संतोष शर्मा, निवासी संस्कार सोसायटी, जिला-बडौदा गुजरात से के रूप में हुई। आरोपी की उम्र-20 वर्ष है।

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फायर करने वालों का सुराग नहीं

प्रेमनगर से लापता हुई किशोरी को पुलिस ने बेशक बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन बीती रात एक अन्य किशोरी पर सरेराह फायर झोंकने वालों को सुराग 12 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत जाने के भी पुलिस के हाथ नहीं लगा है। हालांकि पुलिस का कहना है कि आरोपियों को पकडऩे के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। बीती रात करीब 8 बजे ट्यूशन से स्कूटी पर लौट रही एक किशोरी पर दो युवकों ने फायर झोंक दिया था, हालांकि किशोरी बच गई थी। पुलिस के अनुसार घटना पटेलनगर थाना क्षेत्र में कारगी चौक के पास हुई। दो युवकों ने किशोरी को रोका। किशोरी और दोनों युवकों के बीच बहस हुई। इसी बीच युवकों ने किशोरी पर फायर झोंक दिया। हालांकि गोली किशोरी को नहीं लगी। युवक फायर झोंककर भाग गये। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, कॉम्बिंग भी की, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। खास बात यह है कि जहां घटना हुई, वहां आसपास सीसीटीवी कैमरे भी हैं, जिनके सहारे पुलिस ज्यादातर मामलों में अपराधियों तक पहुंच रही है। लेकिन इस मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली हैं।