- इस बार प्रतिपदा होने के कारण दस दिनों तक होगा नवरात्र पूजन

DEHRADUN: आदिशक्ति मां दुर्गा की अराधना का महापर्व शारदीय नवरात्र क् अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। इस साल प्रतिपदा तिथि होने के कारण नवरात्र पूजन नौ दिनों की जगह दस दिनों तक किया जाएगा।

नवरात्र में मां के नौ स्वरूपों का होगा पूजन

ज्योतिषाचार्यो के अनुसार क्8 साल बाद ऐसा महासंयोग बना है। साथ ही इस साल श्राद्ध पूजन के दिन कम तो नवरात्र पूजन के दिनों में बढ़ोतरी भी हुई है जो शुभ संकेत माना जा रहा है। दुर्गा शब्द का अर्थ दुखों का नाश करने वाली होता है, इसलिए भक्तगण इन नौ तिथियों, नौ नक्षत्रों व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान से व्रत रखकर पूजा करते हैं। सर्वप्रथम श्री राम ने शारदीय नवरात्र पूजन का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था और उसके बाद दसवें दिन लंका पर विजय पाई थी जिससे दशहरा पर्व शुरू हुआ। तब से लेकर अब तक भारत के प्रत्येक हिस्से में भक्त नवरात्र पूजन करते आए हैं।

पूजन विधि- नवरात्रि पूजन का कलश स्थापना के साथ होता है। कलश स्थापना सूर्योदय के पश्चात या अभिजीत मुहूर्त में किया जाना चाहिए। इस वर्ष सुबह म्:ख्0 से लेकर 7:फ्0 तक कलश स्थापना का मुहूर्त शुभ है। इसके बाद गणेश वरुण सूर्य व नवग्रहों का पूजन किया जाता है और फिर देवी के प्रथम स्वरूप की पूजा की जाती है।

:- वर्जन

क्- यह पूजन अत्यंत फलदायी होता है। यदि भक्त निजी कारणों से नौ दिन तक व्रत न रख पाएं तो भी वें हर दिन सुबह-शाम पूजन कर सिर्फ अष्ठमी या नवमी को भी व्रत रख सकते हैं।

- गणेश प्रसाद सेमवाल

डोभालवाला

ख्- इस बार काफी समय बाद ऐसा संयोग बना है और यह एक शुभ संकेत है। इस व्रत में भक्त सभी मादक पदार्थो से दूर रहें व पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करें, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।

-उदय शंकर

हनुमान मंदिर