- सिटी के एंट्री प्वॉइंट पर लगे ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन कैमरे

- हाईटेक कैमरों से की जा सकती है वाहनों की नंबर प्लेट डिटेक्ट

- जोगीवाला, प्रेमनगर व आशारोड़ी में लगाए गए ऑटोमैटिक कैमरे

DEHRADUN : रात हो या दिन। सिटी में एंट्री करते ही आप पुलिस के रडार में आ जाएंगे। कब घुसे और कब बाहर निकले यह सारा रिकॉर्ड पुलिस के पास मौजूद होगा। यह सारा काम संभव हो सकेगा ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन कैमरे के दम पर। जिन्हें सिटी के एंट्री प्वॉइंट पर लगाया गया है। पिछले कुछ दिनों से कैमरों ने काम करना भी शुरू कर दिया है।

अपराधी हो गए शातिर

दरअसल, बदलते दौर के साथ बदमाश भी शातिर हो गए हैं। वे जानने लगे हैं कि किस तरह पुलिस की आंखों में धूल झोखनी है। इसके लिए रात का अंधेरा उनकी ढाल बन रहा है। फोन का उपयोग करने से वे बच रहे हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि सर्विलांस के जरिए पुलिस उन तक पहुंच सकती है। बड़ी सफाई के साथ वे आपराधिक वारदातों को अंजाम देकर सिटी से भाग रहे हैं। बिना सबूत के उन्हें पकड़ पाना पुलिस के लिए लोहे के चने चबाने जैसा होता है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।

तीन जगह लगे छह कैमरे

सिटी के एंट्री प्वॉइंट जोगीवाला, प्रेमनगर व आशारोड़ी में ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्नाइजेशन कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की खासियत है कि इनके जरिए गाड़ी का नंबर तक डिटेक्ट किया जा सकता है। वाहन कौन चला रहा है यह भी आसानी से कैच किया जा सकता है। खास यह है कि रात के अंधेरे में भी ये कैमरे सिटी में लगे अन्य सीसीटीवी कैमरों की तरह अंधे नहीं होंगे, क्योंकि इनमें नाइट विजन की क्वालिटी है। अभी तक तीन स्थानों पर दो-दो कैमरे लगाए हैं, जिन्होंने काम करना भी शुरू कर दिया है।

नाइट विजन की है क्वालिटी

नाइट विजन वाले इन कैमरों का आउटपुट पुलिस कंट्रोल से जोड़ा गया है, जहां लगे मॉनिटर पर आसानी से सब कुछ देखा जा सकता है। संदिग्ध लगने पर कंट्रोल रूम में बैठे पुलिस कर्मी वारयलेस सेट के माध्यम से वाहन का नंबर फ्लैस कर थाने और चौकी पुलिस को सतर्क कर सकते हैं। इतना ही नहीं वाहनों को पकड़वा भी सकते हैं। यह सारा काम हाल ही में हाईटेक हुए डायल क्00 नंबर के तहत स्वीकृत क्.7भ् लाख की धनराशि से किया गया है।

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ऑफिसर्स के पास नहीं टाइम

गत क्7 नवंबर से कैमरों ने नजर रखनी शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक इन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया है। कारण अधिकारियों का काम में व्यस्त होना बताया जा रहा है। एसएसपी जहां दारोगा भर्ती में बिजी चल रहे हैं, वहीं अन्य अधिकारी विधानसभा सत्र के साथ अन्य जरूरी कामों में व्यस्त हैं। नतीजा इन कैमरों का विधिवत उद्घाटन नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही अधिकारी इन्हें सार्वजनिक कर इसके महत्व से लोगों को अवगत कराएंगे।

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कंट्रोल रूम से होगा मॉनिटर

कैमरे का आउटपुट विजुवल कंट्रोल रूम में रिकॉर्ड किया जा रहा है। जिसे लंबे तक सुरक्षित रखा जा सकता है। आपराधिक वारदात घटने के बाद रिकॉर्डिग देखकर पुलिस को कुछ क्लू हासिल हो सकते हैं। जिनके सहारे वे बदमाशों तक पहुंच सकती है। हाईटेक उपकरणों को नुकसान न हो इसके लिए इंटरेक्ट पब्लिक सेफ्टी सॉल्यूशन कंपनी के साथ टाइअप किया गया है। कंपनी ने एक इंजीनियर भी कंट्रोल रूम में तैनात किया है।

क्या है इस कैमरे की खासियत

-यह कैमरा ऑटोमैटिक वाहन के नंबर प्लेट को डिटेक्ट कर लेगा

-दिन हो या रात इस कैमरे की सहायता से ड्राइवर की पहचान हो सकती है

-सिटी के एंट्री प्वॉइंट पर लगाए गए है दो-दो ऑटोमैटिक कैमरे

-सिटी में लगे अन्य कैमरों की तरह रात में अंधे नहीं होंगे यह कैमरे

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सिटी के इंट्री प्वॉइंट जोगीवाला, प्रेमनगर व आशारोड़ी में ये नाइट विजन कैमरे लगाए गए हैं। जिनसे सिटी में आने जाने वालों पर नजर रखना आसान होगा। अपराधियों को पकड़ने में भी इनसे मदद मिलेगी। अभी तक सिटी में जितने भी कैमरे लगाए गए हैं वे इतने हाईटेक नहीं हैं।

-संजय गुंज्याल, डीआईजी गढ़वाल रेंज