DEHRADUN: केंद्र सरकार द्वारा पांच सौ व एक हजार के नोट बंद करने पर यकीनन शहर में आम लोगों को पिछले कई दिनों से खासी दिक्कतों से दो-चार होना पड़ रहा हो, लेकिन लोग इस बात पर भरोसा जता रहा हैं कि आने वाले दिनों में इसका परिणाम बेहतर नजर आएगा। लोग यहां तक कह रहे हैं कि किसी नेक काम की शुरुआत पहले चरण में चुनौती लगती है, लेकिन उसके नतीजे दूरदर्शी होते हैं। हालांकि कुछ लोगों का यहां तक भी कहना है कि काले धन व जाली करेंसी पर पीएम मोदी छापेमारी पर काबू भी कर सकते थे। लोगों का यहां तक भी कहना है कि केंद्र को देश में इस प्रयोग की शुरुआत करनी ही थी तो समय सीमा देनी चाि1हए थी।

कहीं मोदी पर रिवर्स गेयर न लग जाए

उत्तराखंड बैंक इंप्लाइज यूनियन के महासचिव जगमोहन मेंदीरत्ता ने कहा कि पिछले तीन दिनों से देश की क्ख्भ् करोड़ जनता खासी परेशान है। यही नहीं जिस प्रकार से जनता परेशान हो रही है, ऐसा लगता है कि यह कदम केंद्र ने बिना तैयारी के उठाया है। सबसे ज्यादा परेशानी में छोटे तबके के लोग हैं। कम से कम शादियों के कार्ड दिखाकर डीएम को अधिकृत कर रियायत दी जानी चाहिए। बैंकों में जनता की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा का खतरा बढ़ गया है। आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार अब क्भ् दिनों में केवल चार हजार रुपए निकाल सकते हैं। ऐसा लगता है कि लोग आने वाले समय में परेशान रहे तो पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर रिवर्स गेयर लग सकता है।

कई संस्थाएं हेल्प के लिए तैयार

देवभूमि सेवा समिति के उपाध्यक्ष नरेश अग्रवाल का मानना है कि बीमारी गंभीर है, लेकिन इलाज देरी से होगा तो परिणाम भी बेहतर साबित होंगे। नरेश कहते हैं कि पीएम मोदी का यह प्रयास सराहनीय कहा जाएगा। लोगों में इसको पैनिक बनाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन ऐसा नहीं है। इसके लिए देवभूमि सेवा समिति के जरिए लोगों की बीच अवेयरनेस करने की कोशिशें जारी हैं। हेल्प लाइन नंबर 9ब्क्क्क्ब्ख्8क्8 के जरिए जिस बैंक में धनराशि एक्सचेंज करने में दिक्कतें सामने आ रही हैं, संबंधित बैंक अधिकारियों से मिल-बैठकर प्रॉब्लम्स शॉर्टआउट करने की कोशिशें समिति की तरफ से की जा रही हैं। समाज सेवी व पार्षद अजय सिंघल ने भी केंद्र सरकार के प्रयास की तारीफ की। कहा कि जिस प्रकार से जेएंडके में धड़ल्ले से जाली करेंसी देश में प्रवेश करने की संभावनाएं बन रही थी, काला धन बढ़ने पर आशंका जताई जा रही थी, प्रयास की तारीफ की जानी चाहिए। दून निवासी सुमित कांबोज ने भी केंद्र सरकार के इस शुरुआत की तारीफ की है।

करेंसी चेंज के लिए बैंकों में भीड़ को देखते हुए पुलिस सुरक्षा कम है। हालत यह हैं कि बैंकों में मारपीट की संभावना बन जा रही है। पीएम को इस पर पहले तैयारियां कर लेनी चाहिए थी। जबकि खुद पीएम जापान की यात्रा पर निकले हैं। सबसे ज्यादा परेशानी निचले तबके के लोगों को भुगतनी पड़ रही है।

जगमोहन मेंदीरत्ता, महासचिव, उत्तरांचल बैंक इंप्लाइज यूनियन।

पीएम मोदी का प्रयास जनहित में है। लोगों को पैनिक होनी की जरूरत नहीं है। बैंकों में पैसा जमा करने के लिए वक्त काफी दिया गया है। जो लोग पैनिक क्रिएट कर रहे हैं, उनकी अफवाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। हमारी कोशिश भी है कि लोगों के बीच में जागरूकता फैलाएं।

नरेश अग्रवाल, उपाध्यक्ष, देवभूमि सेवा समिति।

आज से पहले किसी भी सरकार ने ऐसी शुरुआत नहीं की। शुरुआत में लोग थोड़ा परेशान हैं, लेकिन इसके दूरगामी नतीजे बेहतर निकलेंगे। केंद्र सरकार की यह पहल सराहनीय है। हवाला कांड पर यह करारी चोट भी है। इसके अलावा नकली करेंसी के लिए भी यह अच्छे प्रयास कहा जाना चाहिए।

सुमित कांबोज, दून निवासी।

केंद्र के इस पहल से देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। हकीकत का संदेश देश व शहर के आखिरी आदमी तक सही तरीके से नहीं पहुंच पा रहा है। हालांकि अब लोग धीरे-धीरे समझ रहे हैं और आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी। आने वाले समय में शुरू हो रहे जीएसटी के लिए भी यह व्यवस्था जरूरी थी।

अजय सिंघल, समाजिक कार्यकर्ता व पार्षद।