- नोटों के बाद नमक के लिए दौड़ा शहर, रात में 400 रुपए किलो तक बिका

- शुक्रवार शाम को अचानक उड़ी खबर, नमक हो गया महंगा

- सबसे पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुईं खबरें

- 100-200 रुपए किलो नमक बिकने की खबर

- लोग अचानक टूट पड़े दुकानों पर

- 100 से लेकर 400 रुपए किलो तक बिका नमक

- आईनेक्स्ट ऑफिस में पाठकों की आईं दर्जनों कॉल्स

- 100 नंबर पर भी आईं कालाबाजारी की कई शिकायतें

- प्रशासन ने कहा- अफवाह है, पैनिक न हों

- खबरों के बाद शहर में इंटेलिजेंस एजेंसियां की गईं सक्रिय

- शहर में जगह-जगह तैनात की गई पुलिस

शहर में सुबह से शाम तक पहले तो नोट बदलवाने के लिए बैंकों में मारामारी रही कि अचानक शाम होते-होते लोग नोट लेकर नमक के लिए दौड़ने लगे। खबर फैली कि जमाखोरों ने नमक बाजार से गायब कर दिया है और 12 से 20 रुपए किलो बिकने वाला नमक अचानक 100 से 400 रुपए किलो बिक रहा है। आईनेक्स्ट के पाठकों ने आईनेक्स्ट के रिर्पोटर्स को फोन घनघनाने शुरू कर दिए और पूछा कि असलियत क्या है। इसके बाद आईनेक्स्ट निकल गया बाजार में रियलिटी चेक करने। जब हमारे रिपोटर्स दुकानों पर पहुंचे तो कई दुकानों पर नमक खत्म हो चुका था। दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले उन्होंने नमक उसी रेट पर बेचा और बाद में जब उन्हें भी यह खबर पता लगी तो उन्होंने इसके रेट बढ़ा दिए। दुकानदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि खबर फैलने के बाद उन्हें रेट कर दिए 100 और जब स्टॉक खत्म होने लगा तो 400 रुपए तक का रेट भी ग्राहक ने दे दिया। कारगी चौक स्थित एक बड़े प्रोविजन स्टोर के मालिक ने बताया कि उसकी दुकान पर रात साढ़े आठ बजे तक नमक की 8 पेटियां थीं जो दो घंटे के अंदर खत्म हो गई।

जब रात में लगी रेस

आईनेक्स्ट ने खुद बाजारों में रियलिटी चेक किया तो बाजार में अफरा-तफरी देखने को मिली। दून के धामावाला, हनुमान चौक, सहारनपुर चौक, तहसील चौक सहित कई बाजारों में या तो दुकानें बंद मिलीं, इक्का-दुक्का दुकानों खुली भी मिलीं तो वहां नमक ज्यादा दामों पर बिकता देखा गया। सच्चाई तो यही है कि एक रात के लिए नमक के कई सौ गुना दाम बढ़ा दिए गए, हालांकि खबर फैलने के कुछ ही घंटों बाद प्रशासन भी हरकत में आ गया और उसने इस सभी खबरों को अफवाह करार दिया। शासन की तरफ से कहा गया कि नमक की कोई कमी नहीं है और जो भी खबरें फैल रही हैं वो अफवाह हैं। लेकिन, अगर नमक था तो कुछ ही घंटों के लिए सही, वो पब्लिक को क्यों नहीं मिला।

कालाबाजारी की खबरें क्यों

दरअसल नमक की कालाबाजारी की खबरें लोगों को इसलिए भी पुख्ता लगीं क्योंकि नमक पर टैक्स नहीं लगता। मार्केट में अचानक अफरा-तफरी इसलिए भी फैली क्योंकि लोगों को ये यकीन हो गया था कि टैक्स फ्री नमक की जमाखोरी करके काला धन ठिकाने लगाया जा सकता है।

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100 नंबर पर भी कुछ इलाकों से ऐसी शिकायतें सामने आई हैं, लेकिन यह सिर्फ अफवाह है। हम लगातार नजर बनाए हुए हैं। बाजारों में पुलिस तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ। सदानंद दाते, एसएसपी, देहरादून।

प्रशासनिक अधिकारियों को बाजार में इंस्पेक्शन के लिए भेज दिया गया है। नमक की अफवाह पर इंटेलिजेंस भी सक्रिय की गई है। जो भी सोशल मीडिया पर अफवाह फैला रहे हैं, उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

रविनाथ रमन, डीएम, देहरादून।

सूबे में नमक की कोई कमी नहीं है। आम लोगों को अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है, जो दुकानदार कीमत से ज्यादा नमक बेच रहे हैं, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।

- आनंद वर्धन, खाद्य सचिव।