- उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने 15 साल बाद हर्जाने की राशि में की बढ़ोत्तरी
- उपभोक्ताओं को त्वरित सेवा प्रदान कराने को यूपीसीएल पर कसी गई नकेल

देहरादून, (ब्यूरो): उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड यूपीसीएल द्वारा यदि बिजली सेवाओं का निर्धारित समय पर सेवा उपलब्ध नहीं कराई जाती है, तो यूपीसीएल को कंज्यूमर्स को प्रतिदिन के हिसाब से हर्जाना देना होगा। आयोग ने प्रतिपूर्ति राशि में भी करीब 10 गुना तक की बढ़ोत्तरी कर दी गई है। पहले हर्जाने की यह राशि यूईआरसी को की जाती थी, लेकिन अब सीधे कंज्यूमर्स के खाते में जाएगी।

लापरवाही पर पड़ेगा बिग फैन
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने 15 साल बाद न सिर्फ बिजली उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले हर्जाने की राशि में अच्छी खासी बढ़ोत्तरी की है, बल्कि इससे ऊर्जा निगम को बिजली आपूर्ति से संबंधित सेवाओं के प्रति अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार बनाने का भी काम किया है। क्योंकि, सेवाओं में कमी पर अब ऊर्जा निगम को सामान्यत: दो गुना व कुछ मामलों में 10 गुना तक अधिक हर्जाना भरना पड़ेगा।

घरेलू उपकरणों के फुंकने पर बढ़ाई राशि
वेडनेसडे को प्रेसकांफ्रेंस से रूबरू आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला ने कहा कि हर्जाने की राशि मे सर्वाधिक बढ़ोत्तरी घरेलू उपकरणों के फुंकने, खराब होने के मामलों में कई गई है। यह राशि पहले के मुकाबले 10 गुना तक बढ़ाई गई है। वहीं, लाइन, पोल, ट्रांसफार्मर की शिङ्क्षफ्टग को सेवाओं को पहली बार हर्जाने के दायरे में लाया गया है।

मानकों में किया गया बदलाव
आयोग ने विभिन्न सेवाओं के लिए कार्य निष्पादन के मानक विनिमय-2022 का गठन करते हुए न सिर्फ समय सीमा तय की है, बल्कि तय समय के भीतर समाधान न होने पर हर्जाने की राशि भी तय की है। विलंब में एकल उपभोक्ता या एक से अधिक उपभोक्ताओं के प्रभावित होने पर जुर्माने की राशि अलग-अलग तय की है। स्पष्ट किया गया है कि नियमों की अनदेखी करने पर ऊर्जा निगम के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

शिकायत के पंजीकरण और हर्जाने को करें आवेदन
आयोग के सदसय तकनीकी एमके जैन ने बताया कि यूपीसीएल को निर्देश दिए गए हैं कि शिकायत के पंजीकरण और हर्जाने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जाए। इस काम के लिए यूपीसीएल को 9 माह का समय दिया गया है। यह व्यवस्था इस अवधि के भीतर चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

इन सेवाओं पर हर्जाने की राशि तय
नए एलटी कनेक्शन जहां आपूर्ति लाइन में विस्तार, नई लाइन बिछाने या नए सब स्टेशन चालू करने की आवश्यकता नहीं है, वहां कनेक्शन देने के लिए 15 दिन का समय तय किया गया है।

15 दिन में देना होगा कनेक्शन
लोड बढ़ाने या कम करने के आवेदन पर एलटी संयोजनों के लिए 15 दिन व एचटी संयोजनों के लिए 30 दिन का समय तय किया गया है। विलंब पर अधिकतम 50 हजार रुपये का जुर्माना (प्रतिदिन 50 रुपये के आधार पर गणना) देय होगा।

लाइन टूटने पर 6 घंटे में जोडऩी अनिवार्य
लाइन टूटने पर उसे जोडऩे के लिए शहरी क्षेत्र के लिए छह घंटे, ग्रामीण क्षेत्र के लिए 12 व मोटर मार्ग विहीन पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 24 घंटे तय। यहां भी फ्यूज उडऩे की भांति 20 व 10 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से हर्जाना भरना होगा। एलटी लाइन में खराबी पर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 12 व मोटरमार्ग विहीन क्षेत्रों के लिए 24 घंटे का समय तय और हर्जाने की राशि फ्यूज उडऩे के मामले की तरह समान रहेगी।

30 दिन में करना होगा बिलिंग संबंधी निपटारा
बिङ्क्षलग संबंधी शिकायतों का निपटारा समय पर न करने की दशा में बिङ्क्षलग राशि का अधिकतम 10 प्रतिशत या 500 रुपये (जो भी कम हो) का हर्जाना भरना होगा। वहीं, अधिकतम राशि की गणना 20 रुपये प्रतिदिन पर की जाएगी।

इन सेवाओं में विलंब पर भी हर्जाना
पहले बिल में गड़बड़ी, स्थानांतरण पर अंतिम बिल, वितरण लाइन, प्रवर्तक, कैपिसिटर की मरम्मत, कनेक्शन कटवाने, सिक्योरिटी प्राप्त करने, लाइन, पोल आदि शिङ्क्षफ्टग समेत लाइनों के उच्चीकरण आदि सेवाओं के लिए भी समय सीमा हर्जाने की राशि तय की गई है।
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