देहरादून (ब्यूरो)। बीते 12 जनवरी को रानीपोखरी निवासी विजय भट्ट ने शिकायत की थी कि कुछ दिन पहले उनके सीएससी सेंटर पर दो लोग आये। उन्होंने कहा कि हम आपके एकाउंट में 50,000 हजार रुपए डलवा रहे हैं, आप हमें कैश दे दो। एकाउंट में 50 रुपये आने पर उन्होंने 49,500 रुपये कैश दे दिये। कुछ दिन बाद विजय भट्ट जब अपने खाते से पैसे निकालने बैंक गये तो पता चला कि उनका खाता होल्ड हो रखा है। जानकारी करने पर बैंक ने एक मोबाइल नंबर दिया। उस नंबर पर बात करने पर बताया गया कि उनका ज्योति रोडलाइंस के नाम से गाजियाबाद में ट्रांसपोर्ट का काम है। उनकी कुछ मशीनें रोहतक से गोरखपुर आनी थी। इसके लिए उन्होंने ऑनलाइन ट्रांसपोर्ट का नंबर ढूंढा था। किसी व्यक्ति ने फर्जी तरीके से उनसे 50 हजार रुपये विजय भट्ट के खाते में ट्रांसफर करवा लिये थे। जब ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नहीं हुई तो उन्होंने छानबीन की। पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है। इसलिए उन्होंने खाता होल्ड करवाया है।

पकड़े गये ठग
थाना रानीपोखरी के इंचार्ज शिशुपाल राणा के अनुसार पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करने के लिए घटनास्थल के आस-पास लगे और आरोपियों के आने-जाने वाले रूट पर लगे सीसीटीवी कैमरों को चैक किया। टीवी फ़ुटेज में 4-5 संदिग्ध लोगों का एक नीले रंग की दिल्ली नंबर की कार में आना-जाना सामने आया। आरोपियों के मियांवाला के आसपास रुके होने की जानकारी मिली। स्मार्ट सिटी से भी संदिग्ध कार के रूट के बारे में जानकारी मिली। यह भी पता चला कि कार ज्यादातर थानों रोड पर ट्रेवल कर रही है। पुलिस थानों रायपुर रोड और डोईवाला हर्रावाला रोड पर चेकिंग शुरू कर दी। चेकिंग के दौरान फ्राइडे शाम थानो-भोगपुर रोड पर जाखन पुल के पास नीले रंग की संदिग्ध कार नजर आई। पुलिस ने कार रोककर कार में सवार 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों की पहचान8
- सत्यम सिंह पुत्र दीप सिंह रजावत ग्राम कैलोर थाना माधोगढ़, जालौन, यूपी।
- ऋषिराज सिंह उर्फ गौरव पुत्र रामप्रकाश सिंह चौहान, ग्राम सहन थाना कुर्रा, मैनपुरी, यूपी।
- राहुल सिंह पुत्र राकेश सिंह, ग्राम मजगांव थाना मजगांव, हमीरपुर, यूपी।
- रितिक चौहान पुत्र अशोक चौहान, अग्रवाल मोहल्ला कोतवाली मैनपुरी यूपी।
- अंकित प्रताप सिंह पुत्र सुपेन्द्र सिंह, हरोली थाना माधोगढ़ जिला जालौन यूपी।
- कृष्णेन्द्र प्रताप सिंह पुत्र कमोद प्रताप सिंह, माधोगढ़, जालौन यूपी।

पूछताछ का विवरण
पूछताछ में आरोपी सत्यम ने बताया गया कि उसने एक महीने पहले हर्रावाला में विंडलास में एक फ्लैट किराए पर लिया था। उन्होंने अपने कुछ मोबाइल नंबर फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी के नाम से नेट पर अपलोड किए हैं। ऑनलाइन या जस्ट डायल मोबाइल एप के माध्यम से जो लोग ट्रांसपोर्ट बुकिंग के लिए इन नंबरों को सर्च कर उनसे संपर्क करते थे, वे उन्हें कॉल करके ट्रांसपोर्ट बुकिंग के नाम पर फर्जी तरीके से बिल्टी और ट्रक की फोटो भेज कर एडवांस में पैसा जमा करा देते हैं। ठगी की रकम वे किसी सीएससी सेंटर या दुकान वाले के खाते में ट्रांसफर कर उससे नकद ले लेते हैं।

यहां भी की थी ठगी
- फरीदाबाद हरियाणा में एक व्यक्ति से 47,000 रुपये।
- अहमदाबाद गुजरात में एक व्यक्ति से 60,000 रुपये।
- झांसी, झारखंड में एक व्यक्ति से 1 लाख 25 रुपये।

ये सामान हुआ बरामद
- एक कार नीला रंग दिल्ली नंबर की।
- अलग-अलग कंपनियों के 12 मोबाइल फोन।
- एक डोंगल जिओ कंपनी का।
- 9 एटीएम कार्ड अलग-अलग बैंकों के।
- एयरटेल कंपनी के 15 नए सिम बिना एक्टिवेट।