- क्षमता से 10 परसेंट होमलेस भी नहीं पहुंच रहे रैन बसेरों में रात काटने

- कोरोना का बताया जा रहा डर, कई जगह सुविधाएं भी नहीं

देहरादून,

रैन बसेरे जब बंद थे तो बेसहारा-बेघर परेशान थे, 25 नवंबर से रैन बसेरे उनके लिए खोल दिए गए, लेकिन अब वे कोरोना के डर से रैन बसेरों में आसरा लेने से डर रहे हैं। पिछले वर्ष तक इन दिनों रैन बसेरे फुल होते थे। लेकिन, इस बार वीरानी पसरी है। क्षमता के आधे लोग भी रैन बसेरों में रात काटने नहीं पहुंच रहे।

शहर में 4 रैन बसेरे

पटेलनगर

ट्रांसपोर्ट नगर

बलवीर रोड

घंटाघर

सीन वन

रैन बसेरे में पीएसी का डेरा

दून में रैन बसेरों की पड़ताल के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने रियलिटी चेक किया तो रैन बसेरों में लोग ही नहीं मिले और रिकॉर्ड में भी क्षमता से काफी कम लोग मेंशन थे। पटेलनगर स्थित रैन बसेरे में पीएसी की टीम ठहरी थी। इसके चलते यहां भीड़ भाड़ थी। पटेलनगर स्थित रैन बसेरे में बीते साल तक 30-32 तक लोग हर दिन पहुंचते थे। जबकि इस साल अब तक केवल 2 - 3 लोग ही यहां रुके हैं। केयर टेकर धीरेन्द्र सिंह का कहना है कि कोरोना के डर से लोग नहीं आ रहे।

सीन टू

5 से 8 लोग कर रहे बसेरा

घंटाघर स्थित दून शेल्टर सोसाइटी फॉर द होमलेस की ओर से तैयार रैन बसेरे में हर साल दिसंबर माह तक 70- 80 लोग रोज रुकते थे। इस वर्ष यहां रोजाना का औसत करीब 5 से 8 लोग पहुंच रहे हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो करने के लिए 25 लोगों को ही एंट्री की परमिशन है। एक और दिक्कत यहां देखने को मिली, दरअसल रैन बसेरे का टॉयलेट ही नहीं खोला गया है, ऐसे में यहां रुकने वाले लोग टॉयलेट यूज कैसे करें।

सीन थ्री

10 परसेंट लोग भी नहीं आ रहे

ट्रांसपोर्ट नगर स्थित रैन बसेरे का भी यही हाल है। यहां करीब 50 लोगों के नाइट हॉल्ट की क्षमता है। लेकिन, यहां भी रोजाना का औसत देखा जाए तो 7 से 8 लोग ही रुकने आ रहे हैं। रैन बसेरे में सारी व्यवस्थाएं हैं, इसके बावजूद बेसहारा लोग नहीं पहुंच रहे। जबकि सड़कों पर लोगों को रात काटते आसानी से देखा जा सकता है।

कोरोना संक्रमण के कारण इन दिनों रैन बसेरों में लोग कम पहुंच रहे हैं। हमने सभी रैन बसेरों को खोलने का निर्देश पहले ही जारी कर दिया था ताकि बेसहारा लोगों को दिक्कत न हो। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन की जा रही है। अगर किसी रैन बसेरे ने कोई पाबंदी लगा रखी है तो इसकी जांच कराई जाएगी।

- सुनील उनियाल गामा, मेयर, देहरादून