-शनिवार को रिस्पना चौराहे पर लगाया गया था स्टैच्यू, सोमवार रात हटा दिया गया

देहरादून

रिस्पना चौराहे पर लगाया गया शक्तिमान घोड़े का स्टैच्यू सोमवार देर रात अचानक हटा दिया गया। इसे शनिवार को चौराहे पर लगाया गया था और कहा गया था कि औपचारिक अनावरण बाद में किया जाएगा, लेकिन दो दिन बाद ही स्टैच्यू के गायब होने से इस पर दोबारा सियासत गर्म हो गई है। इस पूरे मामले से बीजेपी को सरकार पर हमलावर होने का एक और मौका मिल गया है। बताया जा रहा है कि सीएम के आदेश पर पुलिस ने इसे हटाया।

सीएम ने किया था अनावरण से इनकार

दरअसल सोमवार को पुलिस लाइन में हुई पुलिस परेड के बाद शक्तिमान गेट का अनावरण होना था। इस गेट पर भी शक्तिमान का एक स्टैच्यू बनाया गया है। लेकिन ऐन मौके पर सीएम हरीश रावत ने कह दिया कि अब अगली सरकार ही इस पर फैसला करेगी। इसी दिन यानि सोमवार को ही आधी रात में रिस्पना चौराहे पर लगा शक्तिमान का स्टैच्यू भी गायब हो गया। दरअसल सोशल मीडिया पर राज्य आंदोलनकारियों और विरोधी नेताओं ने स्टैच्यू लगाने पर तीखी प्रतिक्रियाएं दीं। कहा गया कि एक जानवर को जबरन शहीद घोषित किया जा रहा है जबकि आपदा में कई लोग मर रहे हैं, उनकी सुध नहीं ली जा रही। राज्य आंदोलनकारियों की प्रतिमाएं नहीं लगाई गईं, लेकिन सियासत चमकाने के लिए घोड़े की प्रतिमा लगाई जा रही है।

किसने हटाया स्टैच्यू?

यह स्टैच्यू किसने और किसके कहने पर हटाया, इसे लेकर पुलिस और प्रशासन का कोई भी अधिकारी साफ-साफ जवाब नहीं दे रहा है। पुलिस कप्तान सिर्फ इतना कह रहे हैं कि ये स्टैच्यू जिस विभाग ने लगाया था, संभव है कि उसी ने हटाया हो।

वर्जन

शक्तिमान का स्टैच्यू बीजेपी को बदनाम करने के लिए लगाया जा रहा था। सरकार यह संदेश देना चाहती थी कि शक्तिमान की मौत की जिम्मेदार बीजेपी है। शहीदों को तो सम्मान दे नहीं पाई सरकार, और विधानसभा के चौराहे पर घोड़े की प्रतिमा लगा रही थी।

अजय भट्ट, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष

कांग्रेस ने बेजुबान घोड़े पर पहले भी राजनीति की और अब भी कर रही है। पहले स्टैच्यू लगाया, फिर गायब करा दिया। यह सोची समझी सियासत नहीं तो क्या है?

गणेश जोशी, शक्तिमान की टांग तोड़ने के आरोपी विधायक

बेजुबान के साथ जो ज्यादती हुई वो कोई नहीं भूल सकता। हम नहीं चाहते कि इस मुद्दे पर राजनीति हो। इसीलिए इस पर निर्णय अगली सरकार पर छोड़ा है।

हरीश रावत, मुख्यमंत्री

ये पुलिस विभाग का मामला है। शक्तिमान पुलिस का प्यारा घोड़ा था। उसका स्टैच्यू अगर वो लगवाना चाहती है तो मैं सीएम से बात करूंगा।

किशोर उपाध्याय, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

ये सरकार इंसानों के लिए तो सियासत नहीं कर पा रही है। बस, जानवरों पर ही राजनीति कर रही है। सरकार आंदोलनकारियों के लिए तो कुछ कर नहीं पाई।

मथुरा प्रसाद बमराड़ा, राज्य आंदोलनकारी

प्वाइंटर

कब क्या हुआ था

-14 मार्च के दिन बीजेपी के प्रदर्शन में टूटी थी टांग

-17 मार्च को गणेश जोशी हुए थे गिरफ्तार

-11 अप्रैल को शक्तिमान पर लगाई गई कृतिम टांग

-20 अप्रैल को शक्तिमान की हुई मौत

-12 मई को कैबिनेट ने किया शक्तिमान का स्टैच्यू लगाने का फैसला

-9 जुलाई को चौक पर लगी शक्तिमान की मूर्ति

-11 जुलाई को देर रात शक्तिमान की मूर्ति गायब