-कनक चौक पर बीते चार दिन से जमे थे उपनलकर्मी

-कार्यवृत की कॉपी आई कर्मचारियों के हाथ तो बनी सहमति

DEHRADUN: शुक्रवार को उपनलकर्मियों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद उपनल कर्मचारी विधिवत रूप से सोमवार से अलग-अलग सरकारी विभागों में काम पर लौटेंगे। उपनल महासंघ की ओर से चेतावनी दी गयी है कि अगर एक महीने के भीतर मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो दोबारा आंदोलन शुरू करने के लिए प्रदेश के क्8 हजार कर्मचारियों को फिर से आन्दोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

देर शाम दी कार्यवृत की कॉपी

चार दिन से उपनलकर्मचारी कनक चौक पर धरने पर बैठे थे। इनमें से कुछ ने तो भूख हड़ताल तक शुरू कर दी थी। इसी का नतीजा रहा कि शुक्रवार को देर शाम शासन ने सक्रियता दिखाई। सचिव सैनिक कल्याण आनंद व‌र्द्धन की ओर से समझौता बैठक के कार्यवृत्त की प्रति उपनल कर्मियों को उपलब्ध कराई गयी। जिसके बाद उपनलकर्मियों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की। हालांकि, इस पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन लिया जाना अभी बाकी है।

ख्7 जून से बैठे थे धरने पर

नियमितीकरण और हटाए गए कर्मचारियों की बहाली की मांग को लेकर ख्7 जून से प्रदेशभर के उपनल कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे। क्ख् जुलाई को कर्मचारियों को सचिवालय कूच के दौरान पुलिस ने कनक चौक पर रोक लिया तो कर्मचारी वहीं पर डट गए थे। गुरुवार रात मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधि मंडल की वार्ता हुई। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि हटाए गए कर्मचारियों को बहाल किया जाएगा, कर्मचारियों को विभागीय संविदा पर रखा जाएगा। इतना ही नहीं उपनल के पदों को अधीनस्थ चयन सेवा की परिधि से बाहर रखने के लिए भी कहा था।

सहमत हुआ महासंघ

शासन की ओर से जारी किए गए कार्यवृत पर महासंघ ने सहमति जताई। लेकिन, उपनल कर्मियों ने वार्ता का कार्यवृत्त जारी होने के बाद ही हड़ताल खत्म करने पर फैसला लेने की बात कही थी। शुक्रवार देर शाम शासन की ओर से कार्यवृत्त की कॉपी कर्मचारियों को उपलब्ध कराई गयी।

नेताओं ने पिलाया जूस

इसके बाद महासंघ की बैठक में हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद मंगलवार से भूख हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों को विधायक हीरा सिंह बिष्ट और इंटक महासचिव रवि पचौरी ने जूस पिलाया। हालांकि, भूख हड़ताली पांच में से तीन कर्मचारी दीपक चौहान, रूचिका बलूनी और आरती गौर दून अस्पताल में भर्ती हैं।