=यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया

-जौनसार बावर में 8 मार्ग अभी भी बंद

= कैलाश मानसरोवर मार्ग छठे एक हफ्ते से बंद

देहरादून: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकोंमें बारिश से जनजीवन लगातार अस्त व्यस्त हो रहा है। मौसम विभाग ने गुरुवार को 72 घंटे का अलर्ट जारी किया था। इससे तटवर्ती इलाकों के लोग बेहद सहमे हुए हैं। नदियां का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है हालांकि सभी नदियां अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। चमोली में यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। बदरीनाथ-केदारनाथ मार्ग मलबा आने से बंद हो गया है और यहां आंध्र प्रदेश के 49 यात्री फंसे हुए हैं। बदरीनाथ से केदारनाथ जाने वाला मार्ग चोपता के पास मलबा आने से बंद हो गया। बदरीनाथ के पास कंचनगंगा लामबगड़ में सड़क बंद होने की सूचना है। कुमाऊं में काली नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। गोरी नदी पर गोरीपार को जोड़ने वाला झूला पुल बह गया है। इससे 13 गांवों का संपर्क पूरी तरह टूट चुका है। देहरादून से सटे चकराता इलाके में 8 सड़कें अभी भी भूस्खलन की वजह से बंद पड़ी हैं। उधर, अस्कोट-कर्णप्रयाग मार्ग थल से डीडीहाट के बीच बंद हो चुका है। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग तवाघाट और कंच्योती के बीच खेत के पास आए मलबे के कारण एक हफ्ते से बंद है। शुक्रवार को बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री पहुंचने वालों की संख्या महज 1390 रही। केदारनाथ के प्रमुख पड़ाव सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच वाहनों की आवाजाही लगातार चौथे दिन भी बंद रही।

बॉक्स

9 परिवार खतरे में

फाटा क्षेत्र में कई दिन से हो रही मसूलाधार बारिश के कारण रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर मंदाकिनी से हो रहे कटाव से खाट के 9 परिवारों पर खतरा मंडराने लगा है। हालत ये है कि गांव के लोग दिन में तो अपने घरों में रहते हैं, लेकिन शाम ढलते ही ऊपरी इलाकों में चले जाते हैं। केदारनाथ आपदा के समय खाट गांव के पास हाईवे काफी क्षतिग्रस्त हो गया था। लोनिवि एनएच ने यहां नये मोटरमार्ग की क¨टग की थी। मगर मंदाकिनी नदी से बार-बार हो रहे कटाव के चलते हाईवे धंस रहा है।

8 मार्ग बंद, दर्जनों वाहन फंसे

तेज बारिश से जौनसार बावर में बंद दो मुख्य मार्गों समेत आठ सड़कें बंद होने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। 15 दिन से बंद लेल्टा-मंडोली मार्ग शुक्रवार को भी नहीं खुल पाया। 8 मार्ग अभी भी बंद होने से हजारों की आबादी का संपर्क शहरों व मंडी से कट गया है। जौनसार बावर के 55 गांवों के अलावा हिमाचल प्रदेश को यातायात से जोड़ने वाला हरिपुर कोटी-इच्छाडी मार्ग अभी भी बंद है और इससे हजारों की आबादी गांवों में कैद हो गई है।