DEHRADUN: माह रमजान में नेकी और इबादत का सिलसिला जारी है। रमजान के तीसरे जुमे पर अधिकतर रोजेदारों ने घर पर रहकर वतन में अमन की दुआ मांगी। वहीं, उलेमा ने कोविड गाइडलाइन का पालन करने की अपील की।

घरों में रहकर ही नमाज की अदा

कोरोना संकट के चलते बंदी के बीच मुस्लिम धर्म में सबसे पवित्र माने जाने वाले रमजान का 16वां रोजा और इस महीने के तीसरे जुमे पर रोजेदारों ने घरों में रहकर ही रोजा रखा और नमाज अदा की। शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नमाज अदा करें। घरों से बेवजह बाहर न निकले, नमाज के बाद सीधे घर जाएं। इफ्तार के लिए ज्यादा लोग को शामिल न करें और न ही बाहर जाएं, घर पर रहकर ही इफ्तार करें। उन्होंने कहा कि इस महामारी को हराना है तो सभी को मिलकर जागरूक रहने के साथ ही प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों का पालन करना होगा।

वैक्सीन लगाने से नहीं टूटता रोजा

इमाम संगठन के प्रमुख मुफ्ती रईस अहमद कासमी ने रोजेदारों से वैक्सीन लगवाने और कोरोना जांच कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि जांच कराने व वैक्सीन लगवाने से रोजा नहीं टूटता। धर्म में भी इसका वर्णन किया गया है। कोरोना जांच में यदि संक्रमित पाए भी जाते हैं तो इसकी दवा लेते रहें। दवा खाना शरीयत के खिलाफ नहीं है।