खतरे में हैं महिलाएं
उत्तराखंड की शांति को अब हैवानों की नजर लग गई है। बात चाहे पहाड़ी जिलों की हो या फिर मैदानी जिलों की, हर जगह इन हैवानों की नजरें महिलाओं पर टिकी हुई हैं। साल 2012 में दहेज हत्या के मामलों पर नजर डालें तो इसमें ऊधमसिंहनगर अव्वल है। दहेज हत्या के 169 मामलों में अकेले 21 मामले ऊधमसिंहनगर हैं। जबकि रेप के मामलों में धर्मनगरी हरिद्वार सबसे आगे है। साल 2012 में बलात्कार के 138 मामलों में अकेले हरिद्वार जिले के 42 मामले हैं।
लगातार बढ़ा है आंकड़ा
पिछले 12 साल के दौरान यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। साल 2001 में स्टेट में रेप के महज 47 मामले सामने आए थे, वहीं साल दर साल बढ़ रहा ये आंकड़ा 2012 तक 1070 तक पहुंच गया हैं। राज्य में दहेज लोभियों की संख्या भी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। शादी के बाद मांग पूरी न होने पर नवविवाहित दुल्हन को मानसिक रूप से परेशान करना आम बात हो गई है, लेकिन हद तब हो जाती है जब मांग पूरी करवाने के लिए लिए दुल्हन को मौत के घाट उतार देते हैं या उसे इतना परेशान किया जाता है कि वह खुद सुसाइड करने को मजबूर हो जाती है।
साल दहेज हत्या रेप
2001 36 47
2002 39 63
2003 50 69
2004 47 79
2005 42 95
2006 53 95
2007 48 87
2008 63 77
2009 73 95
2010 66 105
2011 78 120
2012 69 138
नोट: आंकड़े सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मिली जानकारी के अनुसार हैैं।