-यात्रा मार्गों पर फंसे हैं 900 से ज्यादा यात्री

-बदरीनाथ के पड़ावों पर 850 और गंगोत्री में 50 यात्री फंसे

-यमुना घाटी में 3 लाख से ज्यादा लोगों का संपर्क कटा

-नरेंद्रनगर में मलबे में दबी कार, चार की मौत

देहरादून:

उत्तराखंड में लगातार आफत बरस रही है। 48 घंटों से हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर रखा है। अब मौसम विभाग ने चार जिलों में मौसम को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। ये जिले हैं देहरादून, उत्तरकाशी, हरिद्वार, नैनीताल। अकेले उत्तरकाशी जिले की यमुना घाटी का मुख्यालय से संपर्क कटने के कारण तीन लाख से ज्यादा लोग अलग-थलग पड़ गए हैं। गंगा उफान पर है। संडे को यात्रा मार्गो के विभिन्न पड़ावों पर 900 यात्री फंस गए। सभी सुरक्षित स्थानों पर हैं। इसके अलावा चार लोगों की मौत हो गई। अब तक बारिश के कहर में मरने वालों की संख्या सात पहुंच गई है।

यमुना घाटी में हालात खतरनाक

भारी बारिश के चलते उत्तरकाशी की यमुना घाटी में हालात बेहद खराब हो गए हैं। यहां तीन लाख से ज्यादा की आबादी जिला मुख्यालय से कट गई है। कई इलाकों में आवासीय भवन व गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। भागीरथी, सरयू, शारदा और गोरी नदी लाल निशान पार कर गईं, जबकि मंदाकिनी और अलकनंदा चेतावनी रेखा के आसपास बह रही हैं।

कार पर गिरा मलबा

रविवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे ऋषिकेश-गंगोत्री राजमार्ग पर नरेंद्रनगर के पास कुम्हारखेड़ा में पहाड़ी से आया मलबा वैगनआर कार को साथ खाई में ले गया। कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार चार लोग जिंदा दफन हो गए। राहत एवं बचाव दल ने बामुश्किल शव निकाले। मृतकों की शिनाख्त आशुतोष नगर ऋषिकेश निवासी वीरेश श्रीकोटि (32) पुत्र सब्बल सिंह, मुकेश गुसाई (33) पुत्र सत्ते सिंह, श्याम नौटियाल (42) पुत्र शंभू प्रसाद नौटियाल और इंदिरानगर ऋषिकेश निवासी उमेश रावत (37) पुत्र भगत सिंह के रूप में हुई।

प्वाइंटर

-रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी आवास का पुश्ता ढह गया

-केदारनाथ हाईवे गौरीकुंड और सोनप्रयाग में अवरुद्ध है

-बदरीनाथ हाईवे मैठाणा, लामबगड़ और कंचनगंगा में बंद

-यमुनोत्री मार्ग पर जानकीचट्टी में 50 यात्री फंसे

-पौड़ी में 47 संपर्क माग बंद, 80 गांवों का मंडल मुख्यालय से संपर्क कटा

-कुमाऊं मंडल के पर्वतीय इलाकों में आधा दर्जन आवासीय मकान ढह गए

-एक दर्जन मुख्य मार्गों समेत 50 से अधिक सड़कें बंदे

-ऊधमसिंह नगर के शक्तिफार्म में पुलिस ने 78 लोगों को रेस्क्यू किया

बॉक्स

6 इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट ठप

48 घंटे से लगातार हो रही बारिश के कारण पनबिजली परियोजनाएं चल नहीं पा रही हैं। रविवार दोपहर यमुना वैली की परियोजनाओं से तो उत्पादन शुरू हो गया, लेकिन अन्य जगहों पर उत्पादन ठप रहा। इससे सूबे में बिजली संकट बना हुआ है। ऊर्जा निगम बाजार से बिजली खरीदकर मांग के सापेक्ष आपूर्ति करने में जुटा है। शनिवार को सूबे में महज 3.36 मिलियन यूनिट (एमयू) उत्पादन ही हुआ, जबकि बिजली की मांग 35.34 एमयू थी। बारिश से नदियों में सिल्ट की मात्रा काफी बढ़ गई है, जिस कारण जलविद्युत परियोजनाओं की टरबाइनें नहीं चल पा रहीं।