DEHRADUN: करीब सवा पांच सौ करोड़ के घाटे में चल रहे रोडवेज को चपत लगाने में कर्मचारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे। पिछले दिनों ऋषिकेश डिपो की दो और पर्वतीय डिपो की दो बसों के बेटिकट पकड़े जाने के मामले में जांच अभी लंबित ही है कि रविवार को हरिद्वार डिपो की एक बस बेटिकट पकड़ी गई। हैरानी वाली बात ये है कि हरिद्वार डिपो में चार प्रवर्तन अधिकारी होने के बावजूद बस को चेक करने के लिए देहरादून से सहायक महाप्रबंधक ग्रामीण डिपो केपी सिंह के निर्देशन में प्रवर्तन टीम भेजनी पड़ी। बस में 19 यात्री बेटिकट मिले, जिन्हें परिचालक ने मशीन से जाली टिकट दिए थे। मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता ने रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपित चालक-परिचालक के निलम्बन की बात कही है।

डेढ़ सौ बस चलाई जा रहीं

कोरोना कफ्र्यू के कारण अंतरराज्यीय बस संचालन करीब दो माह से बंद है। मौजूदा समय मे प्रदेश कर भीतरी मार्गो पर ही करीब डेढ़ सौ बस चलाई जा रही हैं। इसके बावजूद बसें बेटिकट दौड़ाकर चालक-परिचालक निगम को चपत लगा रहे। रविवार को हरिद्वार डिपो की बस (यूके07पीए-1516) को प्रवर्तन टीम ने चिडि़यापुर से आते हुए श्यामपुर में चेक किया। बस में 47 यात्री थे, जिनमे 19 बेटिकट मिले। बस पर नियमित चालक लोकेंद्र कुमार और परिचालक अरुण कुमार तैनात थे। इस बस की लगातार बेटिकट चलने की शिकायत मिल रही थी। यात्रियों ने बताया कि परिचालक ने उनसे किराये का पूरा पैसा लिया और उन्हें मशीन से कोरा टिकट निकालकर दिया था। परिचालक ने यात्रियों से कहा कि मशीन की स्याही खत्म हो गई, इसलिए प्रिंट नहीं आ रहा। टीम ने अपनी रिपोर्ट रोडवेज मुख्यालय और मंडल प्रबंधक को भेज दी है। रविवार होने की वजह से चालक-परिचालक के खिलाफ कार्रवाई के आदेश नहीं हो सके। मंडल प्रबंधक ने सोमवार को कार्रवाई की बात कही है।