-विदेशों की तरह देहरादून को चमकाने की है योजना

आई स्पेशल

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-देहरादून शहर का चप्पा-चप्पा हो जाएगा नीट एंड क्लीन

-शीशमबाड़ा में भी कहीं नजर नहीं आएगी गंदगी

देहरादून,

शीशमबाड़ा में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड प्रोसेसिंग प्लांट के शुरू होते ही शहर की शक्ल-ओ-सूरत पूरी तरह से बदल सकती है। जिस योजना पर नगर निगम कार्य कर रहा है अगर वो परवान चढ़ी तो शहर में कहीं भी कूड़ा नजर नहीं आएगा।

4 जगह होंगे कलेक्शन प्वाइंट

नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक शहर में कूड़े को इकट्ठा करने के लिए 4 जगहों पर कलेक्शन प्वाइंट बनाए जाएंगे। ये कूड़े के ट्रांसफर प्वाइंट होंगे। यहां से कूड़े को कॉम्पेक्टर कन्टेनर द्वारा शीशमबाड़ा प्रोसेसिंग प्लांट ले जाया जाएगा। कन्टेनर पूरी तरह बंद होंगे। कूड़ा डंप करने और इसे ट्रांसफर करने का काम सिर्फ रात में किया जाएगा। इससे न तो लोगों को परेशानी होगी और न ही ट्रैफिक जाम। खुले में कहीं भी कूड़ा लोग न डालें इसके लिए नगर निगम शहर में 80 अंडरग्राउंड डस्टबिन्स लगाएगा।

ऐसे काम करेगा प्रोसेसिंग प्लांट

शीशमबाड़ा में बन रहे प्रोसेसिंग प्लांट में कूड़ा जब पहुंचेगा तो प्रक्रिया वैज्ञानिक तरीके से पूरी होगी। कूड़े को अलग-अलग हिस्सों में प्रोसेस किया जाएगा। कूड़े को डिकम्पोस्ट किया जाएगा। इसके बाद कूड़े के अगले हिस्से को दोबारा रिसाइकिल किया जाएगा। इससे कई ऐसी चीजें अलग हो जाएंगी जिनसे आमदनी भी होगी। कूड़े का प्लास्टिक इंड्रस्टी को यूज के लिए भेज दिया जाएगा।

खाद भी बनेगी कूड़े से

अगली प्रक्रिया में कूड़े से खाद बनाई जाएगी। शेष बचे हुए कूड़े को इनर्ट वेस्ट कहते हैं जो कि किसी काम का नहीं होता है। इससे पानी निकालकर इसका ऑक्सीडेशन कर सिंचाई के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। कुल 8.23 हेक्टेयर जमीन पर बनने वाले प्लांट में 15 मीटर तक ग्रीन बेल्ट एरिया रखा गया है। इसके बाहरी हिस्से में तार बाड़ लगाकर पेड़ लगाए जाएंगे। इसके बाद रोड के बाहर रेमके कंपनी का ऑफिस बनाया जाना है।

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साफ-सुथरा होगा शीशमबाड़ा

जानकारों की मानें तो जिस जगह पर शीशमबाड़ा में प्रोसेसिंग प्लांट बनाया जा रहा है वह एक दम साफ सुथरी रहेगी। वहां जो भी काम होगा वह सब मशीनों के अंदर होगा जो पूरी तरह कवर्ड होंगी। साथ ही पूरे एरिया में ग्रीनरी होगी। अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि शीशमबाड़ा में कूड़ा डंप किया जाएगा। जबकि कूड़े को शहर से ही कॉम्पेक्टर कन्टेनर में बंद तरीके से लाया जाएगा। फिर इसे सीधे प्लांट में रिसाइकिल कर दिया जाएगा जिसमें कोई भी वेस्ट नहीं बचेगा। साथ ही जिस जगह प्लांट लगा है वह मुख्य द्वार से अंदर होगा और हर तरफ हरियाली होगी। यहां कोई दुर्गध भी नहीं उठेगी।

महत्वपूर्ण जानकारी-

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड प्रोसेसिंग प्लांट का कुल बजट- 22.61 करोड़

कुल जमीन जहां प्लांट लगना है- 8.23 हेक्टेयर

ग्रीन बेल्ट के लिए एरिया- 15 मीटर

दीवार से प्लांट के अंदर- 25 मीटर

कार्य पूरा होने का लगभग समय- 4 माह

कूड़े का निस्तारण-

20 से 30 प्रतिशत- कम्पोस्ट

10 से 15 प्रतिशत-रिसाइकिलिंग

20 प्रतिशत- आरडीएफ ईधन के रूप में

0 प्रतिशत- इनर्ट-आईडल कूड़े के लिए

वर्जन---

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड प्रोसेसिंग प्लांट का पूरा काम वैज्ञानिक तरीके से होगा। सामान्यतया कूड़े से 8-10 दिन बाद बदबू उठने लगती है, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं होगा। प्लांट के आसपास रह रहे लोगों को ये तक पता नहीं चलेगा कि कहीं कूड़ा भी डंप हो रहा है। किसी को भी कोई दिक्कत नहीं होगी।

मेजर (रिटा.) वीरेन्द्र सिंह नेगी, प्रोजेक्ट हेड आईएसबीटी, रेमके इनवायरो इंजीनियर्स लि।