-सता रहा पार्षदों के विरोध का खतरा

-पहले ही प्रोजेक्ट के फेल होने पर गुस्से में हैं पार्षद

-पार्षदों ने लगाया था हवाई सर्वे करने का आरोप

>DEHRADUN: स्मार्ट सिटी का दायरा इस बार घटकर एक चौथाई से भी कम रह गया है। लेकिन, इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में ही नोडल एजेंसी के पसीने छूट रहे हैं। दो सप्ताह पहले कंपनी ने प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन दिया, तो पार्षदों ने हवाई सर्वे का आरोप लगाते हुए विरोध कर दिया। अब दोबारा ख्ख् जून को प्रोजेक्ट का प्रेजेंटेशन होना है। इसके बाद फ्0 जून तक भारत सरकार को यह प्रोजेक्ट भेजा जाना है।

इस कारण हो गया था विरोध

नगर निगम में जब प्रोजेक्ट की प्रस्तुति शुरू हुई तो एजेंसी कर्मचारियों ने अपनी योजनाएं बनानी शुरू कर दी। पार्षदों ने जब योजनाओं को पूरा करने के लिए जमीन और बिंदुओं की जानकारी मांगी तो उनके पास जवाब नहीं था। ऐसे में पार्षदों ने आरोप लगाया कि जहां उन्हें हैंडपंप लगाने की जगह नहीं मिल रही, वहां एजेंसी ने टॉयलेट बनाने की बात कर दी है। ऐसे में प्रोजेक्ट तो बन जाएगा, लेकिन इसे धरातल पर उतारना बहुत मुश्किल होगा।

दोबारा सर्वे होकर बनना है प्रोजेक्ट

मेयर विनोद चमोली ने भी प्रोजेक्ट को दोबारा सर्वे कर, उसकी कमियों को सुधाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। आशंका यही सता रही थी कि प्रोजेक्ट तो बन जाएगा, लेकिन इस तरह की योजनाएं बाद में धरातल पर नहीं उतर पाएंगी। इस प्रोजेक्ट का प्रस्तुतिकरण अब ख्ख् जून को नगर निगम में होना है, जिसकी तैयारी में कंपनी काम कर रही है।

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पहले प्रोजेक्ट में यह देखा जाएगा कि जो प्रोजेक्ट बने हैं, उन पर काम भी पूरा हो पाएगा। इसके लिए प्रोजेक्ट तैयार करने वाली एजेंसी से भी कहा गया था कि वह धरातल स्तर पर सर्वे के बाद ही प्रोजेक्ट तैयार करें। ख्ख् जून को प्रोजेक्ट पर चर्चा होगी।

---विनोद चमोली, मेयर, नगर निगम देहरादून