देहरादून (ब्यूरो) दून नगर निगम में पहले 60 वार्ड थे। वर्ष 2018 में हुए विस्तार के बाद 72 गांवों को मिलाकर 100 वार्ड बनाए गए। इन नए 40 वार्डों में बड़े पैमाने पर ग्राम समाज की भूमि को नगर निगम में शामिल होने के दौरान बड़े पैमाने पर खुर्द-बुर्द किया गया। दरअसल नगर निगम के पास ग्राम समाज की जमीन के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और नगर निगम ने भी कभी राजस्व विभाग से ग्राम समाज की भूमि को लेकर राजस्व विभाग से कोई जानकारी हासिल की। नगर निगम की सुस्ती के चलते भूमाफिया ग्राम समाज की जमीन निजी भूमि में मिलाकर बेचते रहे। अब सरकारी जमीन ढूंढने से भी नहीं मिल रही है।

सरकारी जमीन का होगा सीमांकन
सरकारी भूमि पर धड़ल्ले से हो रहे कब्जों को रोकने और नए वार्डों की सरकारी भूमि को बचाने के लिए प्रशासन की सख्ती के बाद नगर निगम नींद से जाग गया है। डीएम सोनिका के निर्देश पर टीम गठित करने के बाद सभी 100 वार्डों में जमीनों का फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए अभियान शुरू किया गया है। नगर निगम तहसील टीम से समन्वय बनाकर जमीनों का चिन्हीकरण करेगा। पुराने 60 वार्डों में नगर निगम की टीम सरकारी भूमि की पैमाइश कर अतिक्रमण चिन्हित करेगी। जबकि, 72 गांवों को मिलाकर बने नए 40 वार्डों में तहसील की टीम भूमि का सीमांकन करेगी। निगम लैंड बैंक तैयार करने में जुट गया है और जल्द ही अतिक्रमण चिन्हित कर हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

5 साल बाद आई जमीनों की याद
2018 में नगर निगम की सीमा का विस्तार होने पर नए बने 40 वार्डों में 72 गांव दायरे में आए। तब से नगर निगम की ओर से इन 72 गांवों में सरकारी जमीनों का कोई सर्वे नहीं किया गया। न ही अब तक जमीनों को नगर निगम के हस्तांतरित किया जा सका। ऐसे में भूमाफिया ने जमीनों को बड़े पैमाने पर खुर्द-बुर्द करने का प्रयास किया। इन्हीं नए वार्डों में ज्यादातर खाली भूमि हैं और अब पांच वर्ष बाद यहां सर्वे किया जा रहा है। इन पांच सालों में सरकारी भूमि पर कब्जे के साथ निर्माण कार्य भी हो चुके हैं। ऐसे में इन जमीनों को वापस लेना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी।

40 वार्डों का रिकॉर्ड नहीं
सीमा विस्तार के बाद वर्ष 2018 में नगर निगम में शामिल हुए 72 गांवों की सरकारी जमीनों को भी धड़ल्ले से खुर्द बुर्द किया जा रहा है। इन नए 40 वार्डों में सरकारी भूमि का रिकॉर्ड निगम के पास नहीं हैं, जिससे नगर निगम यहां अतिक्रमण चिह्नित न कर पाने की बात कही जाती रही। नगर निगम के पुराने 60 वार्डों में भी अतिक्रमण की भरमार है। जबकि, अब इन 72 गांवों में सरकारी जमीनों की वास्तविक स्थिति जांचने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा। नगर निगम की टीम ने पुराने वार्डों में सर्वे शुरू कर दिया है। लैंड बैंक तैयार करने के लिए निगम की ओर से दो रिटायर्ड तहसीलदार, तीन रिटायर्ड कानूनगो समेत पटवारियों की अतिरिक्त टीम बनाई गई है।

नदी-नालों की जमीनों की होगी जांच
जमीनों के फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान नदी-नालों की भौगोलिक स्थिति और ग्राम समाज समेत राजस्व की भूमि की स्थिति की जांच की जाएगी। इसके अलावा अतिक्रमण वर्तमान स्थिति भी परखी जाएगी। इस दौरान टीमें खसरा नंबरों का मिलान कर पुराने रिकॉर्ड भी चेक करेगी। खास बात यह है कि लैंड बैंक बनने से सरकारी योजनाओं को जमीन मुहैया कराने में आसानी होगी।

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