देहरादून ब्यूरो।
यूकेएसएसएससी की ओर से वर्ष 2021 के दिसंबर में आयोजित ग्रेजुएट परीक्षा में पेपर लीक होने का मामला सामने आया था। इस संबंध में देहरादून के थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी एसटीएफ को सौंपी गई थी। एसटीएफ ने इस मामले में अब तक 7 आरोपियों को अलग-अगल मामलों में गिरफ्तार कर चुकी है। दो दिन पहले ही लखनऊ की आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया था। इन सभी आरोपियों से की गई पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने देहरादून से दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया। एसटीएफ ने इसके साथ ही यह भी खुलासा किया कि लखनऊ ने पेपर देहरादून भेजा गया था और यहीं पेपर सॉल्व किया गया था।

दोनों आरोपी मेडिकल यूनिवर्सिटी के
एसटीएफ ने इस मामले में अब मूल रूप से भैंसवाड़ी टिहरी गढ़वाल निवासी और हाल में बालावाला देहरादून में रहने वाले दीपक चौहान और मूल रूप से जोगत पट्टी दिचली उत्तरकाशी हाल निवासी विद्या विहार काररी चौक भावेश जगूड़ी को गिरफ्तार किया है। दोनों सेलाकुई में स्थित एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक कार्यालय में उपनल के माध्यम से जूनियर असिस्टेंट के पद पर काम कर रहे हैं।

जयजीत से है जान पहचान
दीपक चौहान से की गई पूछताछ से पता चला कि आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कम्पनी का कर्मचारी जयजीत का कम्पनी के काम से मेडिकल यूनिवर्सिटी में आना-जाना था। इससे उसका जयजीत से परिचय था। जयजीत दास ने दीपक चौहान को पेपर उपलब्ध कराया था। दीपक ने जयजीत को 36 लाख रुपये दिये गये थे। दीपक ने भावेश जगूड़ी के साथ मिलकर कुछ कैंडीडेट्स से संपर्क किया और उनको देहरादून में एक जगह बुलाकर क्वेश्चन बताए। इसके बदले में उनसे अच्छी-खासी रकम वसूली गई। भावेश जगूड़ी ने भी इस परीक्षा में हिस्सा लिया। उसकी 573वीं रैंक आई।

दोनों को जेल भेजा
एसटीएफ ने दीपक चौहान और भावेश जगूड़ी को गिरफ्तार करने के बाद उनके पास से वे मोबाइल भी बरामद कर लिये हैं जिनके माध्यम से उन्होंने कैंडीडेट्स से संपर्क किया था। एसटीएफ उत्तराखंड के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार इस मामले में तकनीकी साक्ष्य कलेक्ट किये जा रहे हैं। एसटीएफ को पुख्ता साक्ष्य मिले हैं कि परीक्षा की पहल एक रात दोनों ने परीक्षा में आए कुछ प्रश्न पत्रों को ऑनलाइन सर्च भी किया गया था। इससे पता चलता है कि उन्होंने पेपर सॉल्व करने का प्रयास किया था।