- नगर निगम ने बिना होमवर्क के ही बना दी स्कीम, नहीं हो पा रहा यूज
- कुछ लोगों के विरोध के कारण नहीं मिल पा रहा लोगों को लाभ
देहरादून,
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहर में पब्लिक टॉयलेट मिशन को स्थानीय लोग पलीता लगा रहे हैं। स्थानीय लोगों की डिमांड पर नगर निगम ने टॉयलेट तो तैयार किए, लेकिन बिना होमवर्क के योजना पर पानी फिर गया। लाखों खर्च कर टायॅलेट बना दिये जिनका यूज ही नहीं हो पा रहा है।
सीएसआर फंड से बनी स्कीम
नगर निगम ने ओएनजीसी के सीएसआर फंड से करीब 23 लाख रुपये में किशननगर में 24 नवंबर 2016 को शुरुआत की। शौचालय का लोकापर्ण भी पूर्व मेयर विनोद चमोली ने किया। लेकिन इसके बाद से यहां ताला लटका है। लोग इसका यूज नहीं कर पा रहे और टॉयलेट की दीवारों से टाइल्स भी अब उखड़ने लगी हैं।
यह फैसिलिटी
- जेंट्स-लेडीज दोनों के लिए टॉयलेट।
- टॉयलेट में हाईटेक फैसिलिटीज।
- 24 आवर्स वाटर सप्लाई।
बनते ही लटका दिया ताला
किशनगर एरिया से लेकर बल्लूपुर चौक तक कोई भी टॉयलेट नहीं था। ऐसे में तत्कालीन मेयर विनोद चमोली व विधायक गणेश जोशी की ओर से 2015 में यह टॉयलेट बनवाया गया। एक साल के प्रयास के बाद 2016 में टायॅलेट तैयार भी हुआ लेकिन लोगों के विरोध के बाद यहां ताला लगा दिया गया जो आज तक नहीं खुला।
नगर निगम के 33 टॉयलेट्स
सिटी में 33 टॉयलेट संचालित हो रहे हैं। कई टॉयलेट जल्द ही शहर में बनने को तैयार हैं। लेकिन कई टॉयलेट तैयार करने के बाद नगर निगम के अधिकारी उसे भूल रहे हैं। नगर निगम टॉयलेट बनाने के बाद इसके संचालन की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनेशनल व एनजीओ को दे देता है। इसके बाद इन टॉयलेट का क्या हो रहा विभाग सुध नहीं लेता।
यहां यहां है पब्लिक टॉयलेट
बिंदाल पुल
गांधी पार्क के पास
तिब्बती बाजार
प्रिंस चौक
कचहरी
दून हॉस्पिटल
यमुना कॉलोनी
ओएनजीसी कॉलोनी
डिस्पेंसरी रोड
आईएसबीटी
घंटाघर चौक
सीमा द्वार
रिस्पना पुल
चुक्खु मोहल्ला
व्यापारी कई बार कर चुके डिमांड
किशननगर चौक व उसके आस पास स्थित सैकड़ों दुकानें हैं। दुकानदारों की ओर से यहां टॉयलेट की डिमांड की गई थी। इन दुकानदारों के अनुसार कई बार टॉयलेट को खुलवाने के लिए डिमांड भेजी गई थी। लेकिन इसके बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। आस-पास कोई और टॉयलेट न होने के कारण बाजार में पहुंचने वाले लोगों को परेशानी होती है।
यहां क्षेत्र में टॉयलेट न खुलने के कारण राहगीर और स्थानीय लोगों को परेशानी होती है, लेकिन कुछ लोगों की राजनीति के चलते यहां टॉयलेट पर ताला जड़ दिया गया है।
- अभय शर्मा
यहां बने टॉयलेट की कई बार चाबी भी मांगी जा रही है। ताकि आस पास के दुकानदार व बाजार में सामान लेने पहुंच लोगों को टॉयलेट को परेशानी न झेलनी पड़े। महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
- प्रेम भाटिया
हम जब बाजार जाते हैं तो दूर-दूर तक कोई भी टॉयलेट न होने के कारण मुश्किल होती है। यहां एक टॉयलेट है लेकिन उसमें भी ताला लटका हुआ है।
- नेहा, ग्राहक
जब से टॉयलेट बना है तभी से इसका संचालन शुरू नहीं हो सका। मेरी ओर से भी कई बार इसे खोलने के लिए अधिकारियों से कहा गया।
- नंदनी शर्मा, पार्षद नगर निगम
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लोगों के विरोध के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई। कई बार इसे खोलने का प्रयास किया है। लेकिन स्थानीय लोगों का विरोध के कारण यह दिक्कत हो रहा है। इसके अलावा फिलहाल इसके इस्तेमाल पर चर्चा होगी।
-डॉ। आरके सिंह, वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी देहरादून